10 Sep 2024
बीयर कैन और कांच की बोतल में आती है. बीयर को अधिकतर हरे या भूरे रंग की बॉटल में सर्व किया जाता है. लेकिन कोरोना सिर्फ एक ऐसी ब्रांड है जो अपनी बीयर ट्रांसपेरेंट बोतल में बेचती है.
क्या आपने कभी सोचा है कि बॉटल का कलर यही क्यों रखा जाता है और सिर्फ कोरोना बीयर की क्यों किसी रंग की बोतल में नहीं आती है.
कहा जाता है कि बीयर की बोतल की मैन्युफैक्चरिंग मिस्र में शुरू हुई थी. इस दौरान कंपनियों ने पाया कि ट्रांसपेरेंट बोतल पर सनलाइट पड़ने से एसिड को नुकसान पहुंचता है.
दरअसल, इसके पीछे की वजह सनलाइट में यूवी होती हैं जिनकी वजह से बोतल में मौजूद एसिड को नुकसान पहुंचने लगा.
बीयर में स्वाद न आने के चलते लोगों ने इसे पीना भी कम कर दिया था.
कंपनियों ने जब यह पाया कि सनलाइट की वजह से बीयर का स्वाद बिगड़ रहा है और लोग इसे कम पी रहे हैं, तो उन्होंने इस प्रॉब्लम को दूर करने के कई तरीके तलाशे.
अंत में बोतल पर हरा, नीला या भूरे जैसे डार्क रंग को चढ़ाने का फैसला लिया गया.
हालांकि इसका एक एकसेप्शन भी है. कोराना नामक कंपनी बीयर को ट्रांसपेरेंट कांच की बोतल में बेचती है.
कहा जाता है कि ट्रांसपेरेंट बोतल होने की वजह से धूप के संपर्क में आकर बीयर की महक और स्वाद बदल जाती है, इसलिए इसमें नींबू मिलाकर इसे बेहतर किया जाता है.
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इस कंपनी का मकसद इस बीयर के स्वाभाविक चमकीले पीले रंग से ग्राहकों का ध्यान खींचना है. बोतल पर इसका लोगो भी सफेद बैकग्राउंड पर छपा होता है.
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बोतल पर इसका लोगो भी सफेद बैकग्राउंड पर छपा होता है. यह डिजाइन और पैटर्न इतना अलग है कि लोग इसे सैकड़ों ब्रांड की भीड़ में अलग से पहचान सकते हैं.
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