16 Feb 2025
Credit: Meta
अगर आपने फ्लाइट में सफर किया है तो ये जरूर नोटिस किया होगा कि फ्लाइट में लैंडिंग और टेक ऑफ के वक्त लाइट कम कर दी जाती है.
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लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि फ्लाइट में लैंडिंग और टेक ऑफ के वक्त रौशनी कम करने के पीछे क्या कारण है?
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आपको बता दें कि हमारी आंखों को रौशनी के हिसाब से एडजस्ट होने में 10 से 25 मिनट का समय लगता है.
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आपने कई बार ये देखा होगा कि ज्यादातर प्लेन में हादसे टेक ऑफ या लैंडिंग के वक्त ही होते हैं.
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जब फ्लाइट में पहले से ही रौशनी कम कर दी जाती है तो हमारी आंखों को कम रोशनी में ढ़लने का मौका मिल जाता है.
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ऐसे में टेक ऑफ और लैंडिंग के वक्त अगर किसी कारण से प्लेन क्रैश हो गया तो लोगों को देखने में दिक्कत न हो और वे दिए गए इंस्ट्रक्शन को आसानी से फॉलो कर सकें.
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इसके साथ ही अगर किसी कारण से प्लेन में कोई गड़बड़ी या प्लेन क्रैश जैसी घटना होती है तो इमरजेंसी गेट और एग्जिट आसानी से पता लग पाए.
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हमारी आंखें जब तेज रोशनी से अचानक से अंधेरे में जाती हैं तो एडजस्ट होने में काफी टाइम लगता है.
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