21 Oct 2024
किसी के ढोंग या फिर फेक बर्ताव को मगरमच्छ के आंसू से जोड़ा जाता है. कभी सोचा है कि आखिर इस स्थिति में मगरमच्छ की ही क्यों बात होती है?
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सवाल है कि क्या सही में मगरमच्छ के दिखावटी आंसू होते हैं या फिर वो कभी रोता है नहीं है. तो जानते हैं मगरमच्छ के आंसूओं की कहानी...
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दरअसल, 'मगरमच्छ के आंसू' एक मुहावरा है जिसका मतलब है दिखावे के लिए रोना या दुखी होने का पाखंड करना.
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अब जानते हैं आखिर मगरमच्छ के आंसूओं की सही में कहानी क्या है और क्यों दिखावे को आंसूओं से जोड़ा जाता है.
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जब मगरमच्छ के आंसूओं पर रिसर्च की गई तो सामने आया कि मगरमच्छ की आंखों से निकलने वाले आंसू के कारण में कोई भी भावना नहीं है.
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इसके लिए उन्हें पानी से दूर सूखी जगह पर खाना दिया गया, तो उनकी आंखों से खाते वक्त आंसू निकलने लगे.
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ऐसे में मगरमच्छ के कुछ खाते वक्त आंखों से पानी आता है, जो किसी दुख के कारण नहीं होते हैं. इसके साथ ही जब वे लंबे वक्त तक पानी से बाहर रहते हैं तो आंसू लुब्रिकेंट का काम करते हैं.
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इसलिए मगरमच्छ के आंसूओं को दिखावे या झूठ से जोड़ा गया है. इसका मतलब है कि मगरमच्छ की आंख से आने वाले आंसू किसी दुख के कारण नहीं आते हैं.
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