12 Dec 2024
भारतीय राजनीति में सफेद रंग का विशेष महत्व है. ज्यादातर भारतीय नेता सफेद कुर्ता-पायजामा या धोती पहनते हैं. इस प्रथा के पीछे कई कारण हैं.
भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान स्वदेशी आंदोलन के समय विदेशी कपड़ों का बहिष्कार किया गया था और खादी के कपड़े पहनने का आह्वान किया था.
खादी का रंग ज्यादातर सफेद होता था. इसलिए, स्वतंत्रता सेनानियों ने सफेद कपड़े पहनना शुरू कर दिया.
सफेद रंग सभी धर्मों और जातियों के लोगों को एकजुट करने का प्रतीक है. यह सभी भारतीयों को एक साथ लाने का संदेश देता है.
सफेद रंग को सादगी, शुद्धता और शांति का प्रतीक माना जाता है. राजनेता सफेद कपड़े पहनकर यह संदेश देते हैं कि वे जनता की सेवा के लिए समर्पित हैं और उनके पास कोई व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं है.
सफेद रंग भारतीय संस्कृति में पवित्र माना जाता है. कई धार्मिक अनुष्ठानों में सफेद रंग के कपड़े पहने जाते हैं.
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महात्मा गांधी ने खादी के कपड़े पहनने का आह्वान किया था. उन्होंने कहा था कि खादी न केवल स्वदेशी का प्रतीक है बल्कि यह गरीबों को रोजगार भी प्रदान करता है.
गांधीजी के इस आह्वान का भारतीयों ने बड़े पैमाने पर समर्थन किया और सफेद खादी के कपड़े पहनने लगे.
धीरे-धीरे सफेद रंग राजनीति से जुड़े लोगों की पहचान बन गया. आज भी अधिकांश भारतीय नेता सफेद कपड़े पहनते हैं.
यह एक परंपरा बन गई है जो भारतीय राजनीति में गहराई से रची-बसी हुई है.
All Photos Credit: AI जनरेटेड