07 Dec 2025
इस्लाम धर्म में मर्दों को सोने के गहने पहनने की सख्त मनाही है. मर्द सोने की अंगूठी, चैन, या किसी भी प्रकार के गहने नहीं पहन सकते.
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लेकिन इसी धर्म में महिलाओं को इन नियमों से छूट दी गई है, और उनके लिए सोने का इस्तेमाल पूरी तरह जायज है.
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मिडिल ईस्ट के मुस्लिम बहुल देशों में सोने की खरीद और निवेश का चलन बहुत ज्यादा है. इसका कारण केवल धार्मिक परंपरा नहीं बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक प्राथमिकताएं हैं.
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MyGold के संस्थापक और सीईओ अमोल बंसल ने इस विषय पर अपनी राय साझा की.
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पढ़ाकू नीतिन के एक इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि जब इस्लाम में मर्दों के लिए सोना हराम है, तो खाड़ी देशों में यह सबसे बड़ा निवेश क्यों है?
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आइये देखते हैं उन्होंने क्या जवाब दिया.
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उनका कहना था कि मिडिल ईस्ट के मुस्लिम सोने में निवेश इसलिए करते हैं क्योंकि इसके पीछे कम्यूनिटी को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की सोच होती है.
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इस्लाम में जकात का प्रावधान है, सोने पर भी जकात दी जाती है. आपके पास जितना सोना है, उसी के मुताबिक, पैसा जकात के जरूरतमंदों को दी जा सकती है.
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हर उस मुसलमान के लिए जकात देना जरूरी है जो हैसियतमंद है. आमदनी से पूरे साल में जो बचत होती है, उसका 2.5 फीसदी हिस्सा किसी गरीब या जरूरतमंद को दान किया जाता है, जिसे जकात कहते हैं.
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महिलाओं या पुरुषों के पास अगर सोने-चांदी के गहनों के रूप में भी कोई संपत्ति होती है, तो उसकी कीमत के हिसाब से भी जकात दी जाती है.
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