क्या आपने कभी सोचा है कि दूध उबलते-उबलते बर्तन से बाहर क्यों आ जाता है और पानी बर्तन में ही उबलता रहता है. इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण है.
दरअसल, दूध में फैट, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और कई तरह के खनिज होते हैं. मुख्य रूप से दूध में वसा के अणु शामिल होते हैं और प्रोटीन के रूप मे केसीन के अणु पाए जाते हैं.
दूध में 87 फीसदी पानी, 4 फीसदी प्रोटीन, 5 फीसदी लैक्टोज (दूध में चीनी की रूप) होता है. दूध में ज्यादा मात्रा में पानी होता है और जब ये गर्म होता है तो भाप के रूप में बदलना शुरू हो जाता है.
इससे फैट, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और कई तरह के खनिज गाढ़े होने शुरू हो जाते हैं.
यहां गौर करने वाली बात ये है कि दूध में पाए जाने वाले फैट, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और खनिज वजन में हल्के होते हैं, जिसकी वजह से गर्म होते ही ये दूध के ऊपर तैरने लगते हैं.
अब नीचे बचे मिश्रण में ज्यादा तादाद पानी की बचती है, जो गर्म होने पर भाप बन रहा होता है लेकिन ऊपर फैट, प्रोटीन समेत अन्य चीजों की परत भाप को निकलने नहीं देती.
लेकिन पानी का ज्यादा प्रतिशत होने के कारण पानी ऊपरी परत को अपने रास्ते से हटाकर भाप को बाहर निकालता है. इस प्रक्रिया में ऊपरी परत बर्तन से बाहर निकल जाती है और बचा हुआ दूध बर्तन में ही उबलता रहता है.