बॉलीवुड में जब कभी मुंबई दिखाया जाता है तो अक्सर आपने देखा होगा मरीन ड्राइव और उसके आसपास पड़े पत्थर.
इन पत्थरों को टेट्रापॉड के नाम से जाना जाता है. ये यूं ही समुद्र के किनारे नहीं रखे होते. इनको समुद्र के किनारे रखने के पीछे जरूरी वजह है.
दरअसल, ये टेट्रापॉड्स समुद्र के आसपास की मिट्टी को कटाव से बचाते हैं. अगर ये टेट्रापॉड्स वहां नहीं होंगे तो मुमकिन है कि आसपास के इलाकों को समुद्र की लहरों से काफी नुकसान हो सकता है.
मिट्टी को कटाव से बचाने के लिए इन पत्थरों को एक दूसरे से इंटरलॉक करके रखा जाता है, ताकि हाई टाइड के वक्त ये पत्थर पानी के फोर्स को रोक सकें.
इनको इंटरलॉक करके इस तरह रखा जाता है कि ये समुद्र की लहरों के लिए एक बाउंड्री का काम करते हैं. इनके न होने की वजह से परेशानी हो सकती है.
सबसे पहले टेट्रापॉड्स का इस्तेमाल फ्रांस में किया गया था. इन पत्थरों के वजन की बात करें तो दो टन से लेकर 10 टन तक इन पत्थरों का वजन हो सकता है.
मुंबई की मरीन ड्राइव पर इन पत्थरों को 90 के दशक में लाया गया था.