06 Jan 2025
कई बार किसी शख्स या किसी सामान को छूने पर आपको करंट का झटका लगा होगा.
सर्दी के दिनों में अक्सर ऐसा होता है. पर क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा होता क्यों है?
आइए जानते हैं कि बिना किसी बिजली के किसी को छूने पर करंट क्यों महसूस होता है.
दुनिया की हर चीज एटम से मिलकर बनी है. जिसमें इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन होते हैं. साइंस के मुताबिक हमारे शरीर में भी इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन पाए जाते हैं.
इलेक्ट्रॉन में गिनेटिव चार्ज (-VE) होता है, जबकि प्रोटॉन में (+VE) पॉजिटिव चार्ज.
अधिकतर समय हमारे में शरीर में इलेक्टॉन और प्रोट्रॉन्स बराबर होते हैं, लेकिन कभी-कभार ये अनियंत्रित या डिसबैलेंस हो जाते हैं.
इस परिस्थिति में शरीर में मौजूद इलेक्ट्रॉन्स में काफी हलचल पैदा हो जाती है या ये बाउंस करने लगते हैं.
साइंस के मुताबिक, जब किसी चीज में (चाहे वो कोई इंसान ही क्यों न हो) इलेक्टॉन्स की संख्या बढ़ जाती है तो उसपर निगेटिव चार्ज भी बढ़ जाता है.
इस केस में ये निगेटिव इलेक्ट्रॉन्स किसी व्यक्ति अथवा वस्तु में मौजूद पॉजिटिव इलेक्ट्रॉन्स को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं.
वैज्ञानिकों के मुताबिक जिस वक्त निगेटिव इलेक्ट्रॉन्स, पॉजिटिव इलेक्ट्रॉन्स को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं.
उस वक्त हम किसी व्यक्ति अथवा वस्तु को छू लें तो करंट जैसा एहसास होता है. इसे स्टेटिक एनर्जी भी कहते हैं.
स्टेटिक एनर्जी से स्वास्थ्य को ज्यादा खतरा नहीं है या इससे कोई बड़ी हानि नहीं होती है.
ज्यादातर केसेस में आपको चंद सेकंड के लिए एहसास भर होता है.
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जब आपको करंट का एहसास होता है तो झटके से अपना हाथ या शरीर पीछे खींचते हैं, इस स्थिति में चोटिल होने की संभावना होती है या किसी चीज से टकरा सकते हैं. इसके अलावा इससे आपको कोई बड़ा खतरा नहीं है.
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