आखिर क्यों कई बार मरने के बाद भी हिलता है शरीर? एक्सपर्ट ने बताई इसकी वजह

26 Feb 2025

अक्सर देखा जाता है कि मृत्यु के बाद भी कई बार शरीर हिलता रहता है. यह घटना चौंकाने वाली और रहस्यमयी हो सकती है.

मरने के बाद शरीर में हरकत को लेकर एक्सपर्ट ने रिसर्च किए, जिसमें कई चौंकाने वाली बात सामने आयी है. 

डॉक्टरों और विशेषज्ञों के अनुसार, जैसे ही शरीर का ब्रेन और अन्य महत्वपूर्ण अंग धीरे-धीरे बंद हो जाते हैं, तब शरीर में कुछ केमिकली और न्यूरोलॉजिकल परिवर्तन होते हैं.

यह प्रक्रिया मांसपेशियों को ऐंठन का कारण बन सकती है. इसके अलावा, हृदय की धड़कन और ब्लड फ्लो में आने वाले बदलाव भी शरीर में अचानक हरकत का कारण बन सकते हैं.

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कुछ मामलों में, शरीर की यह हरकत आखिरी सांस से पहले की क्षणिक प्रतिक्रिया हो सकती है जिसे "डेथ रेफ्लेक्स" के रूप में भी जाना जाता है. यह एक प्रकार की involuntary action है, जो जीवन के अंत में होने वाले शारीरिक तनाव को दिखाता है.

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एनेस्थिसियोलॉजिस्ट और मनोविज्ञान के प्रोफेसर डॉ. स्टुअर्ट हैमरॉफ ने किसी इंसान की इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राम (ईईजी) के सेंसरों के किसी इंसान के दिमाग की निगरानी की. जिसमें पाया गया कि इंसान की मौत के बाद उसके शरीर में एक अजीब सी एनर्जी का विस्फोट हुआ.

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हैमरॉफ ने एक इंटरव्यू में  कहा कि जब शरीर में कोई हरकत नहीं हो रही थी,  किसी भी तरह का कोई ब्लड प्रेशर और हार्ट बीट नहीं थी और फिर शरीर में हरकत होते देखी गई. 

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ये इस बात का संकेत भी हो सकता है कि इंसान को जब मृत्यु का एहसास होता है तो उसके शरीर में हरकत होती है.

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एनेस्थिसियोलॉजिस्ट ने कहा कि मरने से पहले इंसान की EEG रिपोर्ट में पाया गया कि ये विस्फोट कभी-कभी 30 से 90 सेकंड तक रहता है, जब तक कि रोगी पहले से ही चिकित्सकीय रूप से मौत नहीं हो जाती है.

जबकि एरिज़ोना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने कहा कि संशयवादियों ने तर्क दिया है कि यह मृत्यु के बाद न्यूरॉन्स की "अंतिम सांस" है या केवल एक "भ्रम" है, उन्होंने तर्क दिया कि यह शरीर को छोड़ने वाली चेतना (Consciousness) हो सकती है.

हैमरॉफ ने बताया कि कार्हार्ट-हैरिस ने स्वयंसेवकों को निर्देश दिया कि वे अपनी आंखें बंद कर लें, शांत रहें, कुछ भी न करें और परीक्षण के बाद उन्हें बताएं कि उनका अनुभव कैसा था.

बाद में पेशेंट ने कार्हार्ट-हैरिस को बताया कि उन्हें "स्पष्ट मतिभ्रम (Apparent hallucinations)  और मूल रूप से चक्कर (Basically dizzy) आ रहे थे, लेकिन एमआरआई "ठंडी और अंधेरी थी, जैसे कि वे कोमा में हों" और मस्तिष्क की कोई गतिविधि नहीं दिखी.