एक ही सपना बार-बार क्यों आता है? समझें इसके पीछे का साइंस

05 Jan 2025

जब कोई व्यक्ति बार-बार एक ही सपना देखता है , तो यह उसे बेचैन कर सकता है कि ऐसा क्यों हो रहा है. इसे समझने के लिए आपको पहले सबकॉन्शियस माइंड (अवचेतन मन) को समझना होगा.

सबकॉन्शियस माइंड, इंसान के दिमाग का वह हिस्सा है, जो हमारे सभी विचारों, भावनाओं, आदतों और यादों का भंडार होता है. यह हमारी चेतन अवस्था (Conscious Mind) से अलग काम करता है.

यह हमारी सोच, व्यवहार और फैसले लेने की प्रक्रिया को गहराई से प्रभावित करता है, भले ही हमें इसका अहसास न हो. आइये समझते हैं बार-बार आने वाले सपने के पीछे का साइंस.

जब कोई व्यक्ति अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में किसी समस्या या चिंता से जूझ रहा होता है, तो उसका दिमाग इसे सपनों के जरिए व्यक्त करता है. यह समस्या हल न होने तक यह सपना बार-बार आ सकता है.

अधूरी समस्याएं या तनाव

सपने हमारे सबकॉन्शियस माइंड का रिफलेक्शन होते हैं. बार-बार आने वाले सपने पीछे का कारण कोई पुराना अनुभव, डर, या भावनात्मक घाव हो सकता है, जो पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है.

सबकॉन्शियस माइंड में छुपे इमोशन

दिमाग, नींद के दौरान यादों को व्यवस्थित और पुनः व्यवस्थित करता है. अगर कोई घटना या अनुभव मस्तिष्क में बहुत प्रभावी है, तो यह बार-बार सपनों में दिखाई दे सकता है.

दिमाग और याद के बीच तालमेल

किसी डर या फोबिया से संबंधित सपना बार-बार आ सकता है. उदाहरण के लिए, ऊंचाई का डर होने पर ऊंचाई से गिरने का सपना बार-बार आ सकता है.

अनसुलझे डर और फोबिया

किसी बुरी घटना या भावनात्मक चोट के बाद पीटीएसडी से जूझ रहे लोगों को अक्सर एक ही सपना बार-बार आता है.

पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD)

आमतौर पर सपने REM (Rapid Eye Movement) नींद के दौरान आते हैं. अगर किसी अनुभव या विचार से मस्तिष्क गहराई से जुड़ा हुआ है, तो यह REM चरण में बार-बार सामने आ सकता है.

नींद के चरण और REM नींद

ध्यान (Meditation) और योग करें, अपने सपनों को समझने की कोशिश यानी जर्नलिंग करें, मनोवैज्ञानिक से सलाह ले सकते हैं और पॉजिटिव रहें.

इसे रोकने का तरीका

All Photos Credit: AI जनरेटेड