बालों का सफेद होना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है. कोई भी व्यक्ति बालों को सफेद होने से रोक नहीं सकता. पर क्या आपने सोचा है कि बाल क्यों सफेद होते हैं?
बालों का काला, सफेद, भूरा आदि होना निर्भर करता है मेलानिन नामक पिगमेंट पर.
मेलानिन न सिर्फ बालों का रंग तय करता है बल्कि स्किन का रंग भी मेलानिन की वजह से ही बनता है.
मेलानिन, मेलेनोसाइट कोशिकाओं का निर्माण करता है, जो हर बाल कूप (Hair Follicle) के भीतर स्थित होती है.
मेलेनोसाइट सेल्स दो प्रकार का मेलानिन-यूमेलानिन और फोमेलानिन बनाती हैं.
यूमेलानिन गाढ़ा पिगमेंट होता है. इसका मतलब है मेलेनोसाइट सेल्स जितना यूमेलानिन बनाएगी, उतना ही आपके बाल काले या भूरे रंग के होंगे.
वहीं, यूमेलानिन की कमी से बालों का रंग सुनहरा भुरा (Blonde) होता है. इसके अलावा, यूमेलानिन की कमी के साथ फोमेलानिन का होना बालों को लाल करता है.
ठीक इसी प्रकार बालों का सफेद और ग्रे होना भी मेलानिन पर निर्भर करता है.
मेलानिन की बहुत ज्यादा कमी बालों को ग्रे कर देती है. वहीं, मेलानिन का न होना, बालों के सफेद होने के लिए जिम्मेदार होता है.
जब इंसान बूढ़ा होने लगता है तब बाल कूप में मौजूद मेलेनोसाइट कोशिकाओं मरने लगती हैं.
मेलेनोसाइट कोशिकाओं के मरने से मेलानिन की कमी होने लगती है और धीरे-धीरे मेलानिन बनना बंद हो जाता है.
इसी वजह से लोगों के बाल बूढ़े होने पर सफेद हो जाते हैं.