27 Jan 2025
फोन का कीपैड या लैपटॉप और कंप्यूटर का कीबोर्ड QWERTYUIOP...से शुरू होता है लेकिन असल में अंग्रेजी भाषा के अल्फाबेट्स का क्रमबद्ध सीरीज A, B, C, D है.
कीपैड या कीबोर्ड में कीज A,B,C,D के बजाए QWERTY ने क्यों शुरू होती हैं, इसके पीछे एक बड़ी वजह है. आइए जानते हैं.
1868 में लैथम शोल्स नाम के व्यक्ति ने दुनिया के पहले टाइपराइटर का आविष्कार किया था.
इस टाइपराइटर के कीपैड पर ABC फॉर्मेट का ही इस्तेमाल किया गया था, जो लोगों को याद रहता है. इस दौरान टाइपराइटर पर बहुत तेजी से टाइपिंग होती थी.
टाइपराइटर के बटन पास-पास थे और ABC फॉर्मेट में थे. इस वजह से लोग जल्दी-जल्दी टाइप करते थे और टाइपराइटर के पिन आपस में उलझ जाते थे.
पिन उलझने की वजह से कीपैड जाम होने लगते थे और बटन खराब हो जाते थे.
इस कारण से कुछ समय बाद, लोगों को टाइपराइटर का इस्तेमाल करने में काफी परेशानी होने लगी.
इस समस्या को दूर करने के लिए 1873 में शोल्स ने टाइपराइटर के कीपैड फॉर्मेट में बदलाव करने का फैसला लिया.
उन्होंने कीपैड को QWERTY फॉर्मेट में बदला. इस फॉर्मेट के इस्तेमाल से लोगों की टाइपिंग स्पीड कम हो गई जिससे टाइपराइटर के पिन आपस में नहीं उलझते थे.
इस फॉर्मेट को बनाते समय इस बात का खास ध्यान रखा गया कि जिन अल्फाबेट्स का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, उन्हें उंगलियों के पास रखा जाए.
इसलिए E, I, S, M जैसे अल्फाबेट्स को उंगलियों के पहुंच के करीब रखा गया और जिन अक्षरों का कम इस्तेमाल होता है जैसे- X, Z, उन्हें उंगलियों से दूर रखा गया.
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