07 Jan 2025
अगर आप शराब या ड्रिंक्स से शौकीन हैं तो आपने नोटिस किया होगा कि बियर, वाइन, व्हिस्की, मार्टिनी आदि पीने के लिए अलग-अलग गिलास तय किए गए हैं.
हर ड्रिंक के लिए अलग शेप के गिलास क्यों हैं और ऐसा करने से क्या होता है. आइए समझते हैं.
दुनिया भर के रेस्तरां और होटलों में बियर परोसने के लिए पाइंट गिलासों (Pint) का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अधिकतर प्रकार की बियर का स्वाद तय गिलास में निखर कर आता है.
वहीं, पारंपरिक मग (Mug) गिलास का डिजाइन बियर को ज्यादा से ज्यादा वक्त तक ठंडा रखने में मदद करता है.
इसके अलावा, पिल्सनर (Pilsner), वाइजेन (Weizen), स्निफटर (Snifter), आईपीए (IPA), गोब्लेट (Goblet) आदि गिलास में भी बीयर परोसी जाती है.
इन गिलास के आकार की वजह से ड्रिंक की चुस्की लेते वक्त इंसान उस बियर का सही फ्लेवर महसूस करता है.
बार-पब में सबसे ज्यादा व्हिस्की पीने के लिए रॉक्स गिलास का यूज होता है.
इन गिलास की तली काफी मोटी और भारी होती है. भारी तली का मकसद व्हिस्की की स्वाभाविक गर्माहट को बरकरार रखना है.
ताकि जिस सतह पर गिलास को रखा जाए, उसका तापमान परोसी गई शराब के तापमान को प्रभावित न करे.
कहते हैं कि रॉक्स गिलास का साइज बड़े-बड़े बर्फ के टुकड़े डालकर 'ऑन द रॉक्स' जैसी ड्रिंक्स पीने के लिए बिलकुल मुफीद है. इससे स्वाद अच्छा आता है.
इनका निचला हिस्सा इतना मजबूत होता है कि अगर इसमें कॉकटेल मिलाकर बनाई जाए को गिलास टूटने का डर नहीं रहेगा. इसके अलावा भी व्हिस्की के कई तरह के गिलास होते हैं.
व्हिस्की के रंग, गाढ़ापन और स्वाद को समझने के लिए फूड रिव्यूवर या डिस्टिलरी के वाइन टेस्टर ग्लेनकेर्न गिलास का यूज करते हैं.
वहीं, वाइन वाले गिलास में हमेशा स्टेम होती है, ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें आप वाइन को गिलास के अंदर घुमा सकते हैं.
वाइन को एक निश्चित रफ्तार में गोल-गोल घुमाने की इस प्रक्रिया को Swirling कहते हैं. ऐसा करने से वाइन की स्वभाविक सुगंध वातावरण में मौजूद ऑक्सीजन के साथ खुलकर सामने आती है.
वहीं, मार्टिनी का गिलास वी शेप में होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें आइस क्यूब को नहीं मिलाया जाता. साथ ही इससे ड्रिंक भी ठंडा रहता है.
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