NEET के बगैर कर सकते हैं ये 10 मेडिकल कोर्स, लाखों में है सैलरी

By Aajtak.Education

09 जून 2023

अगर आप फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी या मैथ्स (PCB/PCM) विषयों के साथ 12वीं पास हैं तो आप नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) के बगैर भी कई मेडिकल कोर्स कर सकते हैं और अच्छा करियर बना सकते हैं.

बीएससी नर्सिंग चार साल का ग्रेजुएशन लेवल का कोर्स है. इस कोर्स के बाद उम्मीदवारों को सालाना 3 लाख रुपये से 8 लाख रुपये तक सैलरी मिल सकती है.

1. बीएससी नर्सिंग (BSc Nursing)

यह कोर्स तीन से चार साल में किया जा सकता है. इसे कंप्लीट करने के बाद न्यूट्रीनिस्ट, फूड टेक्नोलॉजिस्ट और रिसर्च पदों पर नौकरी पा सकते हैं, जहां आपको सालाना 5 लाख रुपये तक का सैलरी पैकेज मिल सकता है.

2. बीएससी न्यूट्रिशन और डाइटिशियन/ह्यूमन न्यूट्रिशन/फूड टेक्नोलॉजी

यह कोर्स तीन से चार साल में पूरा होता है. इस कोर्स को करने के बाद बायोटेक्नोलॉजिस्ट पद पर नौकरी कर सकते हैं, जहां सालाना पैकेज 5 लाख रुपये से 9 लाख रुपये तक हो सकता है.

3. बीएससी बायोटेक्नोलॉजी

BSc एग्रीकल्चर 4 साल का अंडर ग्रेजुएट बैचलर डिग्री का कोर्स है. इस कोर्स के बाद आप एग्रोनॉमिस्ट, एग्रीकल्चर साइंटिस्ट और एग्रीबिजनेस जैसे पदों पर काम कर सकते हैं, जहां सालाना 5 से 9 लाख रुपये तक कमा सकते हैं.

4. बीएससी एग्रीकल्चर साइंस

यह चार से पांच साल का कोर्स है जिसे करने के बाद 4 से 6 लाख रुपये सैलरी पैकेज मिल सकता है.

5. बैचलर ऑफ ऑक्यूपेशनल थेरेपी

इस कोर्स की अवधि 2 साल है. इस कोर्स के बाद आप सालाना 3 से 5 लाख रुपये सैलरी पैकेज हासिल कर सकते हैं.

6. डिप्लोमा इन रिहैबिलिटेशन

इस कोर्स में मेडिसिन और इंजीनियरिंग दोनों की पढ़ाई होती है. इसकी अवधि 4 साल है. इस कोर्स के बाद 4 से 6 लाख का सैलरी पैकेज आसानी से मिल सकता है.

7. बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी इन बायोमेडिकल इंजीनियरिंग

इस कोर्स की अवधि 4 साल है जिसमें इकोकार्डियोग्राफी, माइक्रोबायोलॉजी, लिम्फैटिक टिश्यू जैस कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों और उनके इलाज के बारे में पढ़ाया जाता है और सैलरी पैकेज 3 से 5 लाख रुपये तक हो सकता है.

8. बैचलर ऑफ साइंस इन कार्डियक

12वीं साइंस स्ट्रीम से करने के बाद यह कोर्स कर सकते हैं. इसकी अवधि 3 साल है और सालाना सैलरी 3 से 5 लाख रुपये हो सकती है.

9. बैचलर ऑफ साइंस इन  माइक्रोबायोलॉजी

रेस्पिरेटरी थेरेपिस्ट सांस की समस्या वाले मरीजों की देखभाल करते हैं, जिन्हें सालाना 4 से 6 लाख रुपये सैलरी मिल जाती है. यह कोर्स 4 साल में पूरा होता है.

10. बैचलर ऑफ रेस्पिरेटरी थेरेपी