चूहों के बीच मरीन ड्राइव पर सोते थे अमिताभ, स्टार बनने के चक्कर में ठुकराए ऑफर

10 अक्टूबर 2024

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अमिताभ बच्चन भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े और सफल सितारों में से एक हैं. उनकी सफलता का सबसे बड़ा राज उनका वक्त के साथ और उसके हिसाब से बदलते रहना है.

मरीन ड्राइव पर सोए अमिताभ 

हालांकि अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने कई स्ट्रिक्ट रूल फॉलो किए थे. अमिताभ बच्चन ने एक बार वीर सांघवी संग बातचीत में इसे लेकर बात की थी और बताया था कि उनका पूरा फोकस एक्टर बनने पर था.

1960 के अंत में अमिताभ मुंबई आए थे. तब उनके पास मुश्किल से कुछ पैसे थे. लेकिन उनके पास अपना ड्राइविंग लाइसेन्स जरूर था. उन्हें जल्द विज्ञापनों में मॉडलिंग के ऑफर मिलने लगे थे.

सुपरस्टार ने बताया, 'तब भी बहुत मौके थे. एड एजेंसी मुझे ऑफर देती थीं. मुझ एक विज्ञापन के लिए 10 हजार रुपये ऑफर हुए थे, जो कि बहुत बड़ी रकम थी क्योंकि उस वक्त में रेडियो स्पॉट्स करते हुए महीने के 50 रुपये कमा रहा था.'

'लेकिन मुझे लगता था कि विज्ञापन करने से मैं कुछ खो दूंगा तो मैं उस प्रलोभन से दूर रहता था.' ये बात बिग बी ने 1999 में की थी जब उनकी कंपनी ABCL मुश्किल दौर से गुजर रही थी.

तब एक्टर ने पहली बार विज्ञापनों में काम किया था. ऐसे में 1960 के दौर को याद करते हुए बच्चन ने कहा था कि उन्हें लगता था कि वो पैसों के लिए कैब ड्राइवर बन सकते हैं. लेकिन वो विज्ञापन करने के सख्त खिलाफ थे.

उन्होंने कहा था, 'मैं बॉम्बे में एक ड्राइवर लाइसेन्स लेकर आया था और मेरे पास बस वही था. मैंने सोचा था कि अगर मैं एक्टर नहीं बना तो कैब ड्राइवर बन जाऊंगा. मेरा इरादा एक्टिंग का ही था.'

लेकिन 10 हजार रुपये का ऑफर ठुकराने का खामियाजा भी उन्हें उठाना पड़ा था. उस वक्त बच्चन के पास रहने के लिए घर तक नहीं था. इसलिए वो मरीन ड्राइव के बेंच पर चूहों के बीच सोया करते थे.

इस बारे में उन्होंने कहा था, 'मेरे पास रहने को कोई जगह नहीं थी. आप अपने दोस्तों के साथ लिमिटेड टाइम ही रह सकते हैं क्योंकि आप उनके घर में घुस रहे हैं.'

'तो ऐसे में मैंने कुछ दिन मरीन ड्राइव के बेंच पर भी बिताए. मेरे साथ वहां मेरी जिंदगी में देखे सबसे बड़े चूहे थे.' मुश्किलों का सामना करने के बाद अमिताभ बॉलीवुड के शहंशाह बने थे.