19 फरवरी 2025
फोटो सोर्स: इंस्टाग्राम
साल 2018 में आई फिल्म 'लैला मजनू' से डेब्यू करने वाले एक्टर अविनाश तिवारी ने स्ट्रगल के दिनों को याद किया है. अविनाश ने बताया कि कैसे उन्हें ये फिल्म मिलने में 15 साल लगे थे.
अविनाश तिवारी ने बताया कि 15 सालों के लंबे स्ट्रगल के बाद मिली ये फिल्म थिएटर से तीन दिनों में ही हट गई थी. तब उन्हें समझ आया था कि अभी उनका स्ट्रगल किसी भी तरह से खत्म नहीं हुआ है.
हॉलीवुड रिपोर्टर इंडिया संग बातचीत में अविनाश ने बताया कि वो ऐसे परिवार से आते हैं, जिसमें पढ़ाई को बहुत तवज्जो दी जाती है. ऐसे में उन्होंने न्यूयॉर्क से एक्टिंग की प्रॉपर पढ़ाई की थी.
एक्टर ने कहा, 'मैंने एक्टिंग को पढ़ाई की तरह लिया और न्यूयॉर्क में खुद को ट्रेन किया. मैं वापस आया और मुझे लगा मैं तैयार हूं. एक डिग्री के बाद काम मिलता है. और ये 2007 की बात है.'
'मुझे लगा था मेरे लिए रेड कारपेट बिछा होगा. लेकिन कोई नहीं आया. मुझे पता भी नहीं था कि कहां जाना चाहिए.' अविनाश ने बताया कि वो अपने फोटो और पोर्टफोलियो स्टूडियो में इस डर से नहीं देते थे कि वो फेंक दिए जाएंगे.
उन्होंने कहा, 'न्यूयॉर्क में लोगों के पोर्टफोलियो होते थे, जो कचरे में फेंक दिए जाते थे. तो मैं डीवीडी बनाकर फेमस स्टूडियो ले जाता और उन्हें दिखाता कि मैं स्क्रीन पर कैसा दिखता हूं.'
अविनाश तिवारी ने ये भी कहा कि वो फिल्मों में काम करना चाहते थे, लेकिन ये उन्हें बहुत दूर लग रहा था. 15 सालों तक एक स्टूडियो से दूसरे स्टूडियो में धक्के खाने के बाद उन्हें 'लैला मजनू' मिल गई थी.
उन्होंने कहा, 'वो एक फिल्म मिलने में मुझे 15 साल लगे. मैं थक चुका था क्योंकि मुझे नहीं पता था कि उसके बाद क्या करना है. मैंने उस फिल्म में तीन साल तक काम किया. और वो 3 दिन में थिएटर से हट गई थी.'
'मुझे नहीं पता था कि क्या करूं. मैंने सोचा कि क्या मुझे एक और फिल्म में काम करना चाहिए? ये तब हुआ जब मैंने समझा कि ये एक गेम है.'
अपनी ओरिजिनल रिलीज के छह साल बाद 'लैला मजनू' थिएटर में रि-रिलीज हुई थी. इस फिल्म को दर्शकों से वो प्यार मिला, जो पहली बार में नहीं मिला था. अब अविनाश तिवारी जाने माने एक्टर बन चुके हैं.