झोपड़ी में रहा, 40 रुपये के लिए की दिहाड़ी मजदूरी, एक्टर ने याद किए मुश्किल दिन

9 अक्टूबर 2024

फोटो क्रेडिट: इंस्टाग्राम

फैंस के बीच जीतू भैया नाम से फेमस एक्टर जितेंद्र कुमार इंडस्ट्री के बढ़िया कलाकारों में से एक हैं. अपने नए इंटरव्यू मेँ उन्होंने घरों के साथ अपने उलझे रिश्ते पर बात की है.

जीतू भैया ने याद किए पुराने दिन

साइरस ब्रोचा संग बातचीत में जितेंद्र कुमार ने बताया कि उनकी जिंदगी में एक पल ऐसा भी आया था जब उन्हें कुछ महीनों के लिए जंगल में एक झोपड़ी में रहना पड़ा था.

एक्टर ने बताया कि उनका जन्म राजस्थान के अलवर स्थित खैरथल में हुआ था. उन्होंने कहा, 'हमारी जंगल में एक झोपड़ी थी. हमारी जॉइन्ट फैमिली उसमें रहा करती थी.' 

'हमारे पास एक पक्का मकान था और एक झोपड़ी थी. मुझे आज भी याद है कि मैं वहां सोया करता था और मुझे अजीब लगता था. ये कुछ वक्त के लिए ही था.'

'मेरे पिता और अंकल सिविल इंजीनियर हैं और मैं भी हूं. उन्होंने जल्द ही दो और कमरे बना दिए थे. तो हम झोपड़ी में छह-सात महीनों तक रहे थे, जिसके बाद घर बनना शुरू हो गया था.'

एक्टर ने ये भी बताया कि 11 साल की उम्र में वो पेंटर और कारपेंटर के साथ दिहाड़ी मजदूरी का काम किया करते थे. इस बात से उनके पिता बेहद नाराज होते थे. 

उन्होंने कहा, 'मैं गर्मियों की छुट्टियों में पेंटर्स और कारपेंटर्स के साथ दिहाड़ी लगाता था. मुझे एक दिन के 40 रुपये मिलते थे. फिर मेरे पापा को पता चलता था और वो मुझे डांटते थे.'

जितेंद्र कुमार को 'कोटा फैक्ट्री' और 'पंचायत' जैसी सीरीज के लिए जाना जाता है. उन्होंने 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' संग अन्य फिल्मों में भी काम किया है.