25 जून 2025
क्रेडिट: सोशल मीडिया
वेटरन एक्टर नाना पाटेकर अपने किरदारों के लिए हमेशा बहुत डेडीकेटेड नजर आते हैं. अब उन्होंने बताया है कि कैसे एक सीन में वो सच में बुरी तरह जल गए थे.
1989 में आई फिल्म 'परिंदा' के लिए नाना को उनका पहला नेशनल अवॉर्ड मिला था. इस फिल्म में नाना ने गैंगस्टर, अन्ना सेठ का किरदार निभाया था.
द लल्लनटॉप को नाना ने बताया कि पहले वो फिल्म में किशन का किरदार निभाने वाले थे, जो जैकी श्रॉफ ने निभाया. लेकिन अनिल कपूर ने उन्हें फिल्म से निकलवा दिया.
बाद में डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा ने उन्हें फिल्म में विलेन का किरदार ऑफर किया. नाना ने इसके लिए शर्त रखी कि वो अपना रोल खुद लिखेंगे.
'परिंदा' के क्लाइमेक्स में अन्ना का जलकर मरने वाला एंगल उनका खुद का लिखा हुआ है. लेकिन इस आइकॉनिक सीन में वो बाकायदा जल रहे थे.
उन्होंने बताया, 'वो आग वाकई लगी थी. मैं जल रहा था. उसके बाद एक साल तक मैं कुछ नहीं कर पाया, मैं हॉस्पिटल में पड़ा हुआ था 60 दिन.'
नाना ने बताया कि उनकी स्किन गल के उनकी चप्पलों और पायजामे पर गिर गई थी. दाढ़ी नहीं थी, मूंछें नहीं थीं, भवें नहीं थीं, पलकें नहीं थीं.
नाना बोले कि आदमी को जलने में बस 5 सेकंड लगते हैं. आगे नाना ने कहा, 'खैर वो हादसा था. हो गया वो, चलता है.'
नाना पिछले साल 'द वैक्सीन वॉर' में नजर आए थे. वो जल्द ही एक वेब सीरीज 'लाल बत्ती' और 'गदर' डायरेक्टर अनिल शर्मा की फिल्म 'जर्नी' में दिखेंगे.