9 JAN 2025
Credit: Instagram
नित्या मेनन साउथ इंडस्ट्री का जाना माना नाम हैं. वो कई बड़े हीरो संग काम कर चुकी हैं, सुपरहिट फिल्में दे चुकी हैं. बावजूद इसके उन्हें कभी शोबिज से लगाव नहीं हुआ.
वो सीक्रेट्ली इसे अलविदा तक कह देना चाहती थीं, लेकिन फिर उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिल गया और वो उन्होंने रुकने का मन बनाया. उन्होंने बताया कि वो हीरोइन नहीं पायलट बनना चाहती थीं.
बिहाइंडवुड्स से बातचीत में नित्या बोलीं, सिनेमा ऐसा पेशा नहीं है जिसे मैंने अपनी पसंद के हिसाब से चुना. सिनेमा में आने के बाद ही मैंने ईश्वर में विश्वास करना शुरू किया.
मेरे पिता नास्तिक हैं. मैं भी बड़ी होकर नास्तिक बन गई. जब मैंने ये प्रोफेशन चुना, तो मुझे समझ में आया कि मैं किसी ऐसी ताकत के कंट्रोल में हूं जिसे मैं कंट्रोल नहीं कर सकती.
ये ऐसा पेशा है जो मुझे पसंद नहीं है. अगर मुझे कोई ऑप्शन मिले, तो मैं तुंरत इसे छोड़ दूंगी. ये सुनने में बहुत अनग्रेटफुल लग सकता है.
नित्या ने कहा- ये पेशा मेरी पर्सनैलिटी से बहुत दूर है. मैं एक नॉर्मल लाइफ जीना चाहती थी. मैं एक पायलट बनना चाहती थी क्योंकि मुझे ट्रैवल करना पसंद है.
मुझे पार्क में टहलना और आजाद रहना पसंद है. लेकिन, अगर मैं एक एक्टर हूं, तो मुझे सब कुछ छोड़ना होगा. कभी-कभी, मैं खुद से पूछती हूं कि क्या ये सब इसके लायक है.
जब नित्या से पूछा गया कि क्या उनके पैरेंट्स उनका सपोर्ट करते हैं, तो वो बोलीं- मेरे माता-पिता ने कभी मेरे फैसलों में हस्तक्षेप नहीं किया.
नित्या ने आगे बताया कि नेशनल अवॉर्ड मिलने से पहले, मैंने तय किया कि मैं अपने प्रोजेक्ट्स पूरी करूंगी और चुपचाप फिल्में छोड़ दूंगी.
मुझे लगा कि कोई नहीं जान पाएगा कि मैं कहां हूं या क्या कर रही हूं. लेकिन, मुझे तिरुचित्रमबलम के लिए नेशनल अवॉर्ड मिल गया. ये भगवान की प्लानिंग है कि मुझे फिल्म में बने रहने के लिए रिश्वत दी गई.