5 June 2024
Credit: Social Media
रामानंद सागर के मशहूर सीरियल 'रामायण' में भगवान राम का किरदार निभाकर अरुण गोविल ने घर-घर में पहचान बनाई. एक्टिंग के कमाल दिखाने के बाद अरुण गोविल ने राजनीति में कदम रखा है.
'टीवी के राम' ने बीजेपी के टिकट पर यूपी के मेरठ से लोकसभा चुनाव लड़ा और उन्होंने पहली बार में ही कई हजार वोटों से धमाकेदार जीत हासिल की है.
अरुण गोविल की जीत से एक तरफ जहां खुशी है वहीं दूसरी तरफ बीजेपी का अयोध्या की सीट हारना फैन्स को निराश कर रहा है. जिस साल राम मंदिर बनकर तैयार हुआ उसी साल अयोध्या ने बीजेपी को सीट से उतार दिया, ये अरुण गोविल के फैन्स को भी चौंका गया है.
हालांकि, अपनी शानदार जीत के बाद अरुण गोविल ने अपनी तस्वीर शेयर करके फैंस का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने पोस्ट शेयर करके लिखा- मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र के सभी मतदाताओं, कार्यकर्ताओं और शीर्ष नेतृत्व का हार्दिक आभार.
आप सबने मुझ पर अपना विश्वास जताया मैं इसके लिये हृदय की गहराइयों से आपका धन्यवाद करता हूं. आपके इस विश्वास की कसौटी पर मैं संपूर्ण रूप से खरा उतरने का प्रयास करूंगा…जय श्री राम.
अरुण गोविल की बात करें तो उनका जन्म 12 जनवरी 1958 को यूपी के मेरठ में ही हुआ था. उनका बचपन उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में बीता.
अरुण गोविल के पिता चाहते थे कि वो एक सरकारी अफसर बनें, लेकिन अरुण एक्टर बन गए. कॉलेज में एक्टिंग शोज करने के बाद उन्होंने एक्टर बनने का फैसला लिया.
अरुण गोविल ने साल 1977 में फिल्म 'पहेली' से फिल्मों में एंट्री की. इसके बाद उन्होंने 'सावन को आने दो' की, लेकिन एक्टर के तौर पर उन्हें पहचान तीसरी फिल्म 'सांच को आंच नहीं' से मिली.
उन्होंने फिर कई फिल्मों में काम किया. बॉलीवुड में नाम बनाने के बाद अरुण गोविल ने टीवी का रुख किया. उन्होंने 1985 में 'विक्रम और बेताल' से टीवी पर डेब्यू किया.
इसके बाद अरुण गोविल 1986 में 'रामायण' शो में भगवान राम के रोल में दिखे. इस सीरियल ने उन्हें लोगों का फेवरेट बना दिया. आज भी अरुण गोविल को टीवी का राम कहा जाता है.
अरुण गोविल ने 'लव कुश' में लक्ष्मण की भूमिका भी निभाई. इसमें भी उन्हें काफी पसंद किया गया.
हालांकि, ये पहली बार है जब अरुण गोविल राजनीति के मैदान में उतरे.