8 OCT
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बॉलीवुड डायरेक्टर संजय लीला भंसाली आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. जिस मुकाम पर वो हैं, वहां पहुंचने के लिए काफी स्ट्रगल किया है.
उनकी फिल्मों के ग्रैंड सिनेमैटिक सेट देख लोगों की सांसें अटक जाती हैं. भंसाली के विजन, फिल्ममेकिंग ने हर बार फैंस को सरप्राइज किया है.
द हॉलीवुड रिपोर्टर इंडिया को दिए इंटरव्यू में डायरेक्टर ने अपने स्ट्रगल पीरियड, चाइल्डहुड और फिल्मों को लेकर बातचीत की.
आज वो लग्जूरियस लाइफ जीते हैं, उनके पास बंगला, गाड़ी सब है. लेकिन एक वक्त वो मुंबई में 300 स्क्वायर फीट के चॉल में रहते थे.
उनका बचपन चॉल में बीता था. डायरेक्टर के मुताबिक, चॉल में बीते बचपन ने उनके क्रिएटिव विजन और फिल्ममेकिंग स्टाइल को शेप दिया है.
वो कहते हैं- मैं छोटी चॉल में रहता था. जो 300 स्क्वायर फीट थी, वहां की दीवारों पर कोई कलर नहीं थे. ये सब बताते हुए वो थोड़ा इमोशनल हुए.
परिवार के साथ उस तंग जगह पर बड़ा हुआ. वहां हर छोटा स्पेस मैटर करता था. मेरे बचपन ने दुनिया को लेकर मेरी सोच को डेवलप किया है.
शुरुआती दिनों में उनके परिवार ने आर्थिक तंगी झेली थी. उनके पिता ने फिल्म 'जहाजी लुटेरा' में पैसा लगाया था. मूवी पिटने पर पैसा डूब गया था.
उनकी दादी ने 10,000 रुपये जमा करके 'सोने के हाथ' नाम की फिल्म में निवेश किया. लेकिन उन्हें भी सक्सेस नहीं मिली. घरवालों के इन खोए हुए सपनों के दर्द ने भंसाली के मन पर छाप छोड़ी.
भंसाली की मां टैलेंटेड डांसर रही हैं. वो 100 स्कवायर फुट की चॉल में डांस करती थीं. तभी आज भंसाली की हीरोइनें बड़े सेट पर डांस करती हैं.
वर्कफ्रंट पर डायरेक्टर का पिछला प्रोजेक्ट हीरामंडी था. इसे लोगों को बेशुमार प्यार मिला. उनकी अपकमिंग मूवीज में 'मन बैरागी' और 'लव एंड वॉर' शामिल हैं.