6 NOV
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मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा की मौत ने इंडियन म्यूजिक इंडस्ट्री को बड़ी क्षति पहुंचाई है.'बिहार कोकिला' के जाने से सबकी आंखें नम हैं.
शारदा ने भोजपुरी, मैथिली, हिंदी गाने गाकर फैंस का दिल जीता था. बिहार में उनका तगड़ा फैंडम था. शारदा के गाए छठ गीतों के बिना लोग ये पर्व अधूरा मानते हैं.
सिंगिंग की दुनिया में बड़ा नाम कमाने वाली शारदा गायिकी को लेकर पैशनेट थीं. दिन में घंटों रियाज किया करती थीं. बच्चे भी उन्होंने रियाज के बीच पाले थे.
लेकिन क्या आप जानते हैं सिंगर की सास शुरुआत में उनकी गायिकी के खिलाफ थीं. बहू को गाने से रोकने के लिए उन्होंने खाना तक छोड़ दिया था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शारदा की सास शादी के बाद उनके सिंगिंग जारी रखने के खिलाफ थीं. बहू गाना न गाए इसके लिए वो भूख हड़ताल पर बैठ गई थीं.
ऐसे मोड़ पर शारदा को पति का साथ मिला. ब्रज किशोर सिन्हा ने अपनी मां को इस बात के लिए मनाया कि वो बहू को गाने से ना रोकें. शारदा को भी गाना जारी रखने को कहा था.
शारदा पति ब्रज किशोर सिन्हा को अपने सक्सेसफुल करियर का क्रेडिट देती थीं. क्योंकि वो हर मुश्किल घड़ी में उनके साथ ढाल की तरह चले थे. हमेशा उनकी गायिकी का सपोर्ट किया था.
पति और परिवार का साथ मिलने के बाद शारदा ने म्यूजिक इंडस्ट्री में ऐसा नाम कमाया कि देश की फेवरेट लोक गायिका बन गईं.
म्यूजिक के क्षेत्र में शारदा के इसी योगदान को देखते हुए उन्हें 1991 में पद्म श्री और 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.
बात करें शारदा के पति की तो, 80 साल की उम्र में ब्रेन हैमरेज की वजह से उनका निधन हुआ था. पति की मौत का गम शारदा भुला नहीं सकी थीं.