18 DEC 2024
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बॉलीवुड के वेटरेन एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर ने जब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था तब उन्हें अलग अलग तरह की भेदभाव से भरी सोच का सामना करना पड़ा था.
हालांकि वो नजरिया तब बदल गया जब शर्मिला ने मंसूर अली खान पटौदी से शादी की. एक्ट्रेस ने बताया कि उन्हें 'बैड गर्ल' माना जाता था क्योंकि वो सोसायटी के नियमों को नहीं मानती थीं.
शर्मिला ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि एक बार उनपर भीड़ ने हमला तक कर दिया था, उनके ऊपर कीचड़ तक फेंका गया था. हालांकि एक्ट्रेस पर इसका कोई असर नहीं पड़ा.
शर्मिला बोलीं- जब मैं इंडस्ट्री में शामिल हुई थी तो फिल्मों में काम करना बहुत बुरा माना जाता था. इंडस्ट्री वालों की अपनी एक छोटी सी क्लब होती थी. वो समाज से भी दूर रहते थे, क्योंकि बहुत जजमेंट्स पास होते थे.
मेल एक्टर्स को वेलकम किया जाता था, लेकिन महिलाओं का सम्मान नहीं किया जाता था. मुझे भी एक बार ऐसा लगा कि लोग मुझ पर सीटी बजाएंगे या मुझे इस तरह की प्रशंसा मिलेगी.
शर्मिला ने आगे कहा कि लेकिन जब आप शादी कर लेते हैं, तो एक अलग तरह का सम्मान होता है. और जब आप मां बनती हैं, तो आप कम्यूनिटी में शामिल हो जाती हैं.
मुझे याद है कि मैं हैदराबाद गई थी, और मुझे लेने के लिए एक कार आई थी. कुछ ही मिनटों में भीड़ जमा हो गई, और लोगों ने मुझसे पूछा कि क्या मेरे बेटे को देखभाल की जरूरत है.
वो मुझे दूसरे कमरे में ले गए, मेरे लिए एक कुर्सी लाए... ये पूरी तरह से एक अलग तरह का स्वागत था. लेकिन एक वक्त था जब मुझपर कीचड़ फेंका गया और जिस ट्रेन में मैं थी उसमें आग लगाने की धमकी दी गई.
शर्मिला बोलीं- मैं एक अलग तरह के परिवार से आई थी, जानती थी कि मैं कौन हूं, और मुझे खुद पर भरोसा था. मुझे इस बात की ज्यादा परवाह नहीं थी कि दूसरे मेरे बारे में क्या कहते हैं.
मैं बिल्कुल वैसी ही थी जैसी मैं आज हूं... लेकिन क्योंकि मैं होटल में अकेली रहती थी, मेरे साथ कोई नहीं रहता था, लोगों की सोच अलग थी. मैं समाज के लिए संदिग्ध बन गई थी.
दूसरे जो महाराष्ट्र से थे, उनके साथ कोई रहता था, वो सफेद कपड़े पहनते थे, वो शराब नहीं पीते थे. मैं उनसे अलग थी, इसलिए मैं ‘बुरी लड़की’ थी.