29 AUG
Credit: Social Media
अली गोनी टीवी टाउन के मोस्ट गुड लुकिंग और टैलेंटेड एक्टर्स में शुमार हैं. अली इन दिनों लाफ्टर शेफ शो में नजर आ रहे हैं. उनके मजाकिया अंदाज को काफी पसंद किया जा रहा है.
अब भारती सिंह और हर्ष लिंबाचिया के पॉडकास्ट में अली गोनी ने अपनी जिंदगी से जुड़े कई ऐसे खुलासे किए हैं, जिनके बारे में आज तक लोग अनजान थे.
अली ने कहा कि वो जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखते हैं और इंडिया में आज भी लोग कश्मीर को बहुत अलग जगह मानते हैं. उस टाइम पर कश्मीर से ज्यादा लोग बाहर नहीं निकलते थे.
अली ने बताया कि कश्मीर में आज के बच्चे फिर भी अच्छी जिंदगी जी रहे हैं, लेकिन जब वो छोटे थे तो उनका बच्चन सिर्फ कर्फ्यू में ही गुजरा है.
अली ने बताया कि जिस दिन वो पैदा हुए थे उस दिन भी वहां का माहौल काफी बिगड़ा हुआ था.
अली बोले- मैं श्रीनगर के जिस अस्पताल में पैदा हुआ था, उस वक्त अस्पताल के बाहर एनकाउंटर चल रहा था. मम्मी की डिलीवरी हो रही थी और बाहर एनकाउंटर हो रहा था.
मेरे जन्म के समय मम्मी किसी एक रिश्तेदार के साथ हॉस्पिटल में थीं और मेरी पूरी फैमिली घर में फंसी थी, क्योंकि वहां कर्फ्यू लगा हुआ था.
मेरे घर में किसी को पता ही नहीं था कि उनके घर में बेटा हुआ है. उस समय फोन भी नहीं थे. तो किसी को 2 दिन तक ये पता ही नहीं था कि घर में बच्चा पैदा हुआ है.
मैं ऐसे ही माहौल में पला हूं. महीने में 2-3 दिन ही मैं स्कूल जाता था, बाकी दिन वहां कर्फ्यू लगा रहता था. मेरे पापा को फिर एहसास हुआ कि बच्चों के लिए वो जगह सुरक्षित नहीं है, तो हम लोग फिर जम्मू शिफ्ट हो गए थे.
जम्मू का माहौल कश्मीर से अलग है. फिर मैंने वहां अच्छे से स्कूल जाना शुरू किया. मैं दुनिया से मिला, क्योंकि कश्मीर में तो मैं और मेरी बहन घर में बंद रहते थे. वहां कभी भी अटैक हो जाता था.
अली आगे बोले- जब हम कश्मीर से जम्मू शिफ्ट हुए तो काफी बुरा वक्त देखा था, क्योंकि परिवार को सबकुछ छोड़कर निकलना पड़ा था.
पापा को अपनी फैक्ट्री-बिजनेस सब वहीं छोड़ना पड़ा था. आज लोग बोलते हैं कि कश्मीरी पंडितों के साथ बुरा हुआ, लेकिन ये पूरा सच नहीं है, क्योंकि बुरा सभी के साथ हुआ है.
जो लोग उस समय गलत चीजों में इन्वॉल्व नहीं होना चाहते थे वो सभी लोग अपने-अपने घर छोड़कर बच्चों को लेकर कश्मीर से निकले थे, ताकि बच्चों को सिक्योर फ्यूचर दे सकें.
हम भी अपना घर छोड़कर कश्मीर से निकले हैं. मेरे पापा भी नहीं चाहते थे कि उनका बेटा किसी गलत चीज में फंस जाए. पापा भी यंग थे, उन्हें भी प्रॉब्लम हो सकती थी.
वो फेज बहुत खतरनाक था. वापस जिंदगी को पटरी पर लाने में हमें काफी वक्त लगा था.