18 FEB 2025
By: Aajtak.in
साड़ी, महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला एक ऐसा परिधान है, जो भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है.
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साड़ी को जब भी कोई महिला पहनती है तो उसका रूप निखर जाता है.
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साड़ियां कई प्रकार की होती हैं, जिनमें से एक कांजीवरम सिल्क साड़ी भी होती है. इस साड़ी को साउथ के राज्यों में बनाया जाता है.
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यह तो अमूमन सभी जानते हैं कि कांजीवरम साड़ी बहुत सुंदर होती है, लेकिन आज हम आपको इससे जुड़ी कई ऐसी बातें बताएंगे जिन्हें आप नहीं जानते होंगे.
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बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस रेखा को भी कांजीवरम साड़ी पहनना पसंद है. उन्होंने खुद कहा था कि जब भी वह ये साड़ी पहनती हैं तो उन्हें रानियों जैसा महसूस होता है.
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कांजीवरम साड़ी को अक्सर उनकी क्वालिटी, सुंदरता और महत्व के कारण 'साड़ियों की रानी' कहा जाता है.
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कांजीवरम साड़ी को पहली बार भारत के तमिलनाडु के कांचीपुरम शहर में बनाया गया था. यह शहर अपनी सिल्क बुनाई की परंपरा के लिए जाना जाता है.
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कांजीवरम साड़ियां सिल्क के प्योर धागों का इस्तेमाल करके हाथ से बुनी जाती हैं, जो इन्हें लंबे समय तक सुंदर और चमकदार बनाते हैं.
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कांजीवरम साड़ियों को बहुत बारीकी से किए हुए जरी के काम से सजाया जाता है. जरी का यह काम इन पर ज्यादातर सोने और चांदी के धागों से किया जाता है.
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कांजीवरम साड़ियों की एक खासियत यह भी है कि हर साड़ी का बॉर्डर और पल्लू यूनिक होता है, जो उसे सबसे अलग बनाता है.
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इसे बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले अच्छी क्वालिटी के सिल्क और जरी के काम के कारण कांजीवरम साड़ी बहुत भारी होती है.
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कांजीवरम साड़ियों पर ज्यादातर पारंपरिक मोटिफ्स की डिजाइनिंग की जाती है. इन साड़ियों पर मोर, हाथियों, आम और मंदिरों की डिजाइनिंग होती है.
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