फलहार में सिंघाड़े के आटे का सेवन किया जाता है.
सिंघाड़े के गुणकारी आटे का सेवन वजन कंट्रोल करने से लेकर थाइरॉइड ग्लैंड को रेगुलेट करने में मददगार है.
सिंघाड़े का आटा खाने में स्वादिष्ट होता है लेकिन चिपचिपेपन के कारण इसकी पूरियां बनाने में मुश्किल होती है.
इन सिंपल स्टेपस आप आसानी से सिंघाड़े की फूली और मुलायम पूरियां तैयार कर सकते हैं.
पूरी बनाने की सामग्री-
सिंघाड़े का आटा एक कप
एक छोटे आकार का आलू
एक चम्मच जीरा पाउडर
तलने के लिए देसी घी
मूंगफली का तेल
हरी मिर्च बारीक कटी हुई
सेंधा नमक स्वादानुसार
पानी.
सबसे पहले आलू उबालकर छील लें.
अब थाली में सिंघाड़े का आटा, सेंधा नमक, जीरा पाउडर, और हरी मिर्च डालकर आटा गूंथ लें.
कोशिश करें कि आटा सिर्फ उबले आलू के सहारे बिना पानी के ही गूंथे.
याद रहे आटा या ना ज्यादा कड़ा होना चाहिए ना ज्यादा चिपचिपा.
कड़ाही में तेल डालकर तेज आंच पर रख दें.
सूखे आटे की मदद से छो-छोटी लोई बेल लें कर कड़ाही में छान लें.
कोशिश करें आटा गूंथते ही तुरंत पूरियां तैयार कर लें.