30 ml, 90 ml, 60 ml शराब का पैग ही क्यों? दिलचस्प है पहला पटियाला बनाने की कहानी

11 Nov 2023

शराब पीने के मुफीद उसे पीने के साथ-साथ फील भी करते हैं. सभी अपनी क्वाटिंटी के हिसाब से दारू डालते हैं.

PEG Rules

लेकिन गिलास में शराब परोसने के एमएल भी निर्धारित हैं. सबसे छोटा पैग 30 ml, उससे बड़ा 60 ml, और उससे बड़ा 90 ml.

90 ml वाले पैग को पटियाला पैग कहा जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर यह किसने तय किया और क्यों? आइए जानते हैं-

आम भारतीय के लिए स्मॉल या छोटा का मतलब 30 एमएल शराब होती है. वहीं, बड़ा या लार्ज का मतलब 60 एमएल है. कुछ शौकीन एक बार में 90 एमएल या पटियाला पेग हजम करने का भी जिगरा रखते हैं.

इंटरनेट पर मौजूद सूचनाओं की मानें तो डेनमार्क में मापन की ईकाई paegl से ही पेग की उत्पत्ति हुई है.

30 ml पैग की सबसे बड़ी वजह है स्वास्थ्य. दरअसल, जब हम शराब अपने हलक से उतारते हैं तो इसके पेट में पहुंचते ही हमारा शरीर इसे बाहरी जहरीला तत्व मानकर बर्ताव करता है.

कॉकटेल्स इंडिया यूट्यूब चैनल के फाउंडर, घोष के मुताबिक, 30 एमएल एक ऐसी आदर्श मात्रा है, जिसे आहिस्ते-आहिस्ते पीने पर हमारा शरीर इसे आसानी से पचा लेता है.

घोष के अनुसार, अधिकतर शराब की बोतलें 750 एमएल की होती हैं. ऐसे में 30 ml और 60 ml मात्रा में शराब परोसने वाले बारटेंडर को हिसाब रखने में आसानी होती है.

वहीं, शराब परोसे जाने की इंटरनैशनल यूनिट 1 औंस यानी 29.57 एमएल है, जो 30 एमएल के करीब ही है.

कहा जाता है पटियाला के महाराजा भूपेंदर सिंह ने ही शराब परोसने की प्रो-मैक्स ईकाई पटियाला पैग की शुरुआत की थी.

कहानी है कि महराज और आइरिश टीम के बीच पोलो का मैच था. आइरिश टीम बेहद मजबूत थी, इसलिए मैच से पहले हुई पार्टी में महाराजा ने आदेश दिया कि शराब को बड़ी मात्रा में परोसा जाए.

मैच हुआ तो आइरिश टीम हैंगोओवर की वजह से हार गई. महाराजा ने जवाब दिया कि पटियाला में एक बार में शराब इतनी ही मात्रा में परोसी जाती है. उसके बाद, पटियाला पेग पूरे भारत में मशहूर हो गया. 

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