खट्टे फल एसिड रिफ्लक्स का कारण बनते हैं. इन्हें खाने से हमारी खांसी और ज्यादा बढ़ जाती है.
कोल्ड-फ्लू की समस्या में दूध या डेयरी प्रोडक्ट्स रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में बलगम और गले में जलन बढ़ाते हैं.
खांसी-जुकाम में पपीते से रिलीज होने वाला हिस्टामाइन कंटेंट हमारे नसल पैसेज में इंफ्लेमेशन पैदा करता है.
केला एक हाई शुगर कंटेंट फूड है जो इन्फ्लेमेशन के साथ-साथ इम्यून को भी सुस्त करने का काम करता है.
ये 'क्रंची नट' गले में खराश बढ़ाता है और इसका हिस्टामाइन लेवल भी बहुत ज्यादा होता है.
बारिश में ज्यादा फैट वाला फूड खाने से डॉक्टर मना करते हैं. इसलिए रेड मीट या फैटी फिश खाने से बचें.
सूखे खुबानी का हिस्टामाइन लेवल ज्यादा होता है. ये खांसी, जुकाम या बुखार में सांस की तकलीफ बढ़ाते हैं.
इस मौसम में फ्राइड फूड या ऑयली फूड भी नुकसान देते हैं. इसलिए चिप्स या कुरकुरे जैसी चीजें ना खाएं.