ऐसे बहुत से लोग है जो नट्स को ऐसे ही खा लेते हैं जबकि बहुत से लोग इन नट्स को खाने से पहले भिगोते हैं, इनका छिलका उतारकर खाते हैं, खासतौर पर बादाम को. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों किया जाता है?
आयुर्वेद में बादाम को छिलके समेत खाने की सलाह नहीं जाती है. आयुर्वेद के मुताबिक, बादाम को छिलके समेत खाने से इसे डाइजेस्ट करना काफी मुश्किल होता है, इसी वजह से इसे खाने से पहले भिगोना जरूर चाहिए.
बादाम को भिगोकर खाने से यह हमारे शरीर और दिमाग के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है.
बादाम की ऊपरी परत में कई तरह के एंटी न्यूट्रिएंट्स जैसे टेनिन्स, फाइटिक एसिड होता है जो बादाम में मौजूद बाकी न्यूट्रिएंट्स के साथ मिलकर रिएक्शन कर सकते हैं.
जब बादाम को भिगोकर खाया जाता है तो इसमें मौजूद एंटी न्यूट्रिएंट्स निकल जाते हैं. इसके अलावा बादाम को भिगोने से ये खाने में सॉफ्ट हो जाता है जिससे इसे डाइजेस्ट करना आसान होता है.
वैसे तो बादाम को भिगोकर खाने से इसके ढेरों फायदे मिलते हैं लेकिन इन्हें भिगोकर ना खाने से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं.
बादाम की बाहरी परत में फाइटिक एसिड होता है जिससे आपको पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. इसके अलावा, फाइटिक एसिड बादाम में मौजूद पोषक तत्वों को खत्म कर सकता है.
बादाम को भिगोकर खाने से इसमें मौजूद टेनिन्स और पॉलीफेनॉल लेवल भी कम होता है जिससे शरीर इसमें मौजूद आयरन, जिंक और कैल्शियम को अच्छे से अवशोषित कर पाता है.
भीगे हुए बादाम को इसलिए भी फायदेमंद माना जाता है क्योंकि इसे चबाना काफी आसान होता है क्योंकि भिगोने से इसकी बाहरी परत से टेनिन हट जाता है.