पानी पीना हमारी डेली लाइफस्टाइल का एक बहुत जरूरी हिस्सा होता है.
पानी पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है और कई तरह के टॉक्सिन आसानी से शरीर से बाहर निकल जाते हैं.
पानी पीते समय इस बात का ख्याल रखना काफी जरूरी होता है कि आप इसे किस तरह से पीते हैं. सही तरह से पानी पीने पर इसके कई फायदे मिलते हैं.
आयुर्वेद में पानी पीने के कुछ नियमों के बारे में बताया गया है. आइए जानते हैं.
आयुर्वेद के अनुसार, खड़े होकर कुछ भी पीने से शरीर में तरल पदार्थों का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे जोड़ों में फ्लूइड जमा हो सकते हैं और गठिया हो सकता है.
आयुर्वेद के अनुसार, कभी भी एक सांस में पूरा पानी नहीं पीना चाहिए. पानी को हमेशा एक-एक घूंट करके पीना चाहिए. एक साथ पानी पीने से आपको ब्लोटिंग हो सकती है.
आयुर्वेद के अनुसार, फ्रिज के ठंडे पानी की बजाय नॉर्मल या गुनगुना पानी पीना चाहिए. ठंडा पानी पीने से डाइजेशन खराब होता है और कब्ज की समस्या होती है.
आयुर्वेद के अनुसार, सुबह सोकर उठते ही पानी पीना काफी फायदेमंद होता है इससे शरीर के सारे टॉक्सिन बाहर निकल जाते हैं. इस दौरान गर्म पानी पीना काफी अच्छा होता है.
जब आपके शरीर में पानी की कमी होती है तो शरीर में कई तरह की चीजें दिखाई देनी शुरू हो जाती हैं जैसे फटे होंठ, धंसी हुई आंखें, ड्राई स्किन, कम पेशाब आना या पेशाब का गहरा रंग.