कितना खतरनाक है मल्टीपल मायलोमा कैंसर? जिससे 6 साल से परेशान थीं शारदा सिन्हा

05 Nov 2024

aajtak.in

लोकगायिका शारदा सिन्हा का आज यानी 5 नवंबर को निधन हो गया है.

छठ पूजा के गीतों से प्रसिद्ध शारदा सिन्हा पिछले छह साल से मल्टीपल मायलोमा नामक ब्लड कैंसर से परेशान थीं.

मल्टीपल मायलोमा एक प्रकार का ब्लड कैंसर है, जिसमें असामान्य प्लाज्मा कोशिकाएं बढ़ जाती हैं और रक्त, हड्डियों और अंगों को प्रभावित करती हैं.

जिन भी मरीजों में ये डायग्‍नोस होता है वे लोग अक्‍सर कमर में दर्द या बैक पेन के साथ आते हैं. कुछ लोग रीनल फेलियर या चेस्‍ट इन्‍फेक्‍शन के साथ भी आते हैं.

यह कैंसर काफी खतरनाक है.मरीज की उम्र और कैंसर की स्‍टेज के आधार पर इसका आउटकम रहता है.

कई रिसर्च के मुताबिक अमूमन 40 से 82 फीसदी लोगों का सर्वाइवल रेट करीब 5 साल रहता है.

मल्‍टीपल मायलोमा से ग्रस्‍त करीब 85 फीसदी मरीज एक साल तक जीवित रह पाते हैं. जबकि 55 फीसदी लोग 5 साल या उससे ज्‍यादा जी लेते हैं.

30 फीसदी मरीज ही ऐसे होते हैं जो जल्‍दी डायग्‍नोसिस और सही इलाज के बाद 10 साल तक जी जाते हैं.