दही भारतीय भोजन का एक बड़ा हिस्सा है, लोग इसे पराठा, चावल, दाल या सब्जी के साथ खाना पसंद करते हैं.
दही की प्राॉपर्टीज इसके फर्मेंटेशन लेवल, किस चीज के साथ खा रहे हैं और खाने के समय के साथ बदल जाती हैं.
सही तरह से फर्मेंट नहीं हुई दही खाने के लिए सही नहीं मानी जाती. इसे डाइजेस्ट करना मुश्किल होता है और कई तरह की बीमारियां भी.
ज्यादा खट्टी दही से गैस्ट्रिक प्रॉब्लम्स और पित्त की बीमारी बढ़ती है.
दही रात के समय, गर्म करके, गर्म चीज के साथ मिक्स करके, चीनी, नमक, शहद, घी के साथ नहीं खानी चाहिए.
इसे मछली, दूध, खट्टी चीजों, के साथ नहीं खाना चाहिए इससे कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ता है.
दही बुखार, डायरिया, प्रेग्नेंसी के चौथे महीने, इंसोमनिया और हार्ट डिजीज में फायदेमंद मानी जाती है.
अगर आपको ब्लीडिंग डिसऑर्डर, स्किन डिसऑर्डर, सूजन, जलन, मुंह और गले संबंधित बीमारी है तो दही का सेवन ना करें.
दही का सेवन हमेशा जमाने के एक दिन बाद करना चाहिए. अच्छी तरह से फर्मेंट दही का स्वाद हल्का मीठा और खट्टा होता है.