डायबिटीज एक क्रॉनिक डिजीज है. यह समस्या खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने की वजह से होती है.
डायबिटीज के कारण पैरों में डायबिटिक न्यूरोपैथी और पेरीफेरल वस्कुलर डिजीज का सामना करना पड़ता है.
डायबिटिक न्यूरोपैथी में, अनियंत्रित डायबिटीज आपकी नसों को प्रभावित कर सकता है और नुकसान पहुंचा सकता है.
पेरीफेरल वस्कुलर डिजीज आपके ब्लड के फ्लो को प्रभावित करता है, जिससे पैरों में कई तरह के लक्षण नजर आते हैं.
डायबिटिक न्यूरोपैथी के चलते टांगों और पैरों की नसें डैमेज हो जाती हैं जिससे टांगों, पैर और हाथ में दर्द और सुन्न पड़ने जैसे लक्षण नजर आते हैं.
पैरों का सुन्न होनाडायबिटिक फुट अल्सर पैर के तलवे में होता है. हल्के मामलों में, फुट अल्सर के कारण स्किन खराब हो जाती है लेकिन कई बार शरीर के उस हिस्से को काटना पड़ सकता है.
पैर में अल्सरएथलीट फुट एक फंगल इंफेक्शन होता है जिसके कारण पैरों में खुजली, रेडनेस, और दरार पड़ने की समस्या का सामना करना पड़ता है.
एथलीट फुटकॉर्न्स या कॉलस तब होता है जब किसी जगह की त्वचा पर काफी ज्यादा दबाव या रगड़ पड़ती है तो वह त्वचा सख्त और मोटी होने लगती है.
कॉर्न्स और कॉलसडायबिटीज के मरीजों में नाखूनों में होने वाले फंगल इंफेक्शन का खतरा भी काफी ज्यादा होता है.
गैंग्रीन तब होता है जब ब्लड फ्लो बिल्कुल भी नहीं हो पाता और टिशू मर जाते हैं.
गैंग्रीन