होने लगे शरीर के इन 7 हिस्सों में दर्द, तो समझ लें बढ़ गया है कोलेस्ट्रॉल का लेवल

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कोलेस्ट्रॉल एक वैक्स जैसा पदार्थ होता है जो हमारे खून में मौजूद होता है. आमतौर पर हमारे शरीर में दो तरह का कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है. जिसे गुड कोलेस्ट्रॉल और बैड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है.  

हाई कोलेस्ट्रॉल

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बैड कोलेस्ट्रॉल को काफी खतरनाक माना जाता है. इसका लेवल बढ़ने पर यह धमनियों में जमने लगता है जिससे दिल तक जाने वाले खून का प्रवाह काफी कम हो जाता है और हार्ट अटैक, स्ट्रोक का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है.

हाई कोलेस्ट्रॉल के संकेत

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खून में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने पर शरीर के कुछ हिस्से इसका संकेत देने लगते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-

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कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने पर धमनियों में ब्लॉकेज होने लगती है. जिससे पानी पैरों तक जाने वाला ब्लड का फ्लो काफी कम हो जाता है और पैरों में दर्द होने लगता है. 

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टांगे

कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने की वजह से जब पैरों में ब्लड का फ्लो कम हो जाता है जो इसे पेरीफेरल आर्टरी डिजीज कहा जाता है. जिससे हिप्स के आसपास भी दर्द होने लगता है. 

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हिप्स

हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण पैर और तलवों में जलन और दर्द का सामना करना पड़ता है. खासतौर पर तब, जब आप रेस्ट कर रहे होते हैं.

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पैर

कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने से रक्त वाहिकाओं में कोलेस्ट्रॉल जमने लगता है जिससे हृदय तक ब्लड का फ्लो काफी कम हो जाता है जिससे छाती में दर्द होने लगता है. 

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छाती में दर्द

वैसे तो पेरीफेरल आर्टरी डिजीज के कारण पैरों में दर्द होता है लेकिन इसके चलते आर्मपिट में भी दर्द होने लगता है.

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आर्मपिट

कोलेस्ट्रॉल के कारण कार्टिलेज सेल्स में स्ट्रेस बढ़ने लगता है, जिससे घुटनों में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है.

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घुटनों में दर्द

हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से कमर के निचले हिस्से में दर्द होने लगता है जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस  कहा जाता है. एथेरोस्क्लेरोसिस एक ऐसी अवस्था है जब आर्टरीज की वॉल पर फैट, कोलेस्ट्रॉल और अन्य केमिकल्‍स जमा होने लगते हैं, जिसे प्‍लाक कहा जाता है. 

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कमर में दर्द