09 Sep 2024
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को मूड स्विंग का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण कभी महिलाएं बेवजह रोने लगती हैं तो कभी तनाव बढ़ जाता है. वहीं, ओव्यूलेशन के दौरान भी औरतों की मेंटल हेल्थ प्रभावित होती है.
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दरअसल, महिलाओं के शरीर में ओव्यूलेशन के दौरान एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ जाता है, जिसके कारण उनमें मूड स्विंग देखने को मिलता है. आइए जानते हैं इस समस्या से निजात पाने के तरीके.
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एक ही समय पर सोने और जागने की आदत को फॉलो करें. इससे हार्मोन असंतुलन से बचा जा सकता है और शरीर को मूड स्विंग से बचाने में मदद मिलती है.
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मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने के लिए व्यायाम को रूटीन में शामिल करें. अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार एक्सरसाइज करें. इसके अलावा कुछ देर वॉक और जॉगिंग करें.
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अपने आहार में विटामिन और मिनरल जैसे पोषक तत्वों को शामिल करें. इससे फर्टिलिटी को बढ़ाने और हार्मोन को बैलेंस करने में मदद मिलती है.
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पानी का नियमित सेवन शरीर में बढ़ने वाली थकान, आलस और तनाव इन सभी चीजों को कम कर देता है. वहीं, इससे शरीर एक्टिव और हेल्दी बना रहता है.
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अपनी पसंदीदा एक्टीविटीज के लिए समय निकालें, क्योंकि इससे ब्रेन हेल्थ बूस्ट होती है. वहीं, को मांइड एक्टिव रखने से तनाव, डिप्रेशन और मूड स्विंग को कम किया जा सकता है.
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