18 Nov 2024
तिल का इस्तेमाल भारतीय खाने में काफी लंबे समय से किया जाता रहा है. तिल दो तरह की होती है सफेद और काली. तिल की प्रकृति गर्म होती है, ऐसे में इसे सर्दियों में खाना काफी फायदेमंद माना जाता है.
आयुर्वेद में तिल के की फायदों के बारे में बताया गया है. सर्दियों में तिल का सेवन करना काफी फायदेमंद माना जाता है.
शरीर के अंदर होने वाली कई बीमारियों में तिल काफी लाभकारी साबित होता है. रोजाना एक सीमित मात्रा में तिल का सेवन करने से कई तरह के फायदे मिलते हैं. आइए जानते हैं इन फायदों के बारे में-
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, तिल खासतौर से काले वाले, दांतों और मसूड़ों के लिए काफी फायदेमंद साबित होते हैं. अगर आप अपनी ओरल हेल्थ को सुधारना चाहते हैं तो खाली पेट तिल का सेवन करें.
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, आंखों के लिए भी तिल काफी फायदेमंद मानी जाती है. इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है. इसके लिए सर्दी में तिल के फूल पर पड़ने वाली ओस की बूंदों को शीशी में भरकर रखें और इसे आंखों में डालें.
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, जिनको खांसी की परेशानी है वो लोग 2 ग्राम काले तिल में 2-3 तुलसी की पत्तियां और थोड़ी अदरक डालकर काढ़ा बनाकर चाय के रूप में सेवन करें. इससे खांसी-कफ-बलगम और सूखी खांसी में आराम मिलेगा.
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, जिन महिलाओं को मासिक धर्म की परेशानी है वो 5 ग्राम तिल को मोटा-मोटा कूटकर काढ़ा बनाकर सुबह शाम पिएं. ऐसा मासिक धर्म के 4-5 दिन पहले से शुरू करें. इससे आपको मासिक धर्म के दौरान होने वाली दिक्कतों से आराम मिलेगा.
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, अगर आपको अच्छे पेशाब नहीं होता या बार-बार पेशाब जाने की समस्या होती है तो 5 ग्राम गोखरू और 5 ग्राम काले तिल का काढ़ा बनाकर पिएं.
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, पथरी रोग में तिल का प्रयोग लाभकारी होता है. तिल की कोमल पत्तियों को सुखाकर पाउडर बनाकर सुबह-शाम 1-1 चम्मच खाने से पथरी की समस्या दूर होती है और खुलकर पेशाब आता है.
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक,यौन संचारित संक्रमण में तिल काफी फायदेमंद माना जाता है. इसके लिए 4-5 ग्राम तिल की पत्तियों के पाउडर को रात में 200 से 300 ग्राम पानी में भिगो लें. सुबह उसे मसलकर छानकर पिएं.
यह एक सामान्य जानकारी है. तिल का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर पूछ लें.