10 April
महिलाओं के जीवन में एक ऐसा समय आता है, जब उनका पीरियड साइकिल खत्म होने लगता है. इस दौरान औरतों के शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होने लगते हैं.
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ज्यादातर महिलाएं इस फेज के दौरान तनाव और अवसाद से जूझने लगती हैं. मेनोपॉज डिप्रेशन का सामना औरतें अक्सर 40-45 साल की उम्र के बीच में करती हैं.
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आज हम आपको बताएंगे कि मेनोपॉज डिप्रेशन के क्या लक्षण हैं और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है.
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मेनोपॉज डिप्रेशन के दौरान महिलाओं में चिड़चिड़ापन, काम में मन ना लगना, थकान महसूस होना, भूख कम लगना और मन उदास होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
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मेनोपॉज डिप्रेशन से उबरने के लिए इस बात को स्वीकार करें कि यह एक शारीरिक परिवर्तन है, जो समय के साथ ठीक हो जाएगा.
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खुद को प्राथमिकता दें क्योंकि ऐसे समय में सेल्फ केयर बहुत जरूरी है. उस काम पर फोकस करें, जिसे करने से आपको खुशी मिलती है.
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मेनोपॉज डिप्रेशन से छुटकारा पाने के लिए मेडिटेशन और योगा करें. इससे आपको मानसिक शांति मिलेगी. इसके अलावा हेल्दी खाना खाएं और कैफिन युक्त पदार्थों का सेवन कम करें.
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मेनोपॉज डिप्रेशन को नजरअंदाज बिल्कुल भी ना करें और किसी अच्छे डॉक्टर से जरूर संपर्क करें क्योंकि ऐसी कई हार्मोनल दवाईयां होती हैं, जिनसे आराम मिलता है.
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