वेदों के अनुसार हाथ सबसे कीमती अंग है और हर उंगली पांच तत्वों का विस्तार है.
अंगूठे के माध्यम से अंतरिक्ष आता है और तर्जनी के साथ हवा आती है.
मध्य उंगली अग्नि है, अंगूठी महीन पानी है और छोटी उंगली पृथ्वी का प्रतिनिधित्व करती है.
हाथों से खाने से ये पांच तत्व उत्तेजित होते हैं और पेट में पाचन रस को लाने में मदद करते हैं.
हाथ से खाना खाने पर उंगलियों और हाथ के उंगूठे के आपस में मिलने से जो मुद्रा बनती है उससे शरीर में विशेष ऊर्जा पैदा होती है और शरीर स्वस्थ्य रहता है.
खाने से पहले और खाने के बाद हाथ धोने पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए.
हाथों से खाने से शरीर में पंचतत्वों का संतुलन भी सही रहता है.
इससे हाथों की एक्सरसाइज भी होती है.
हाथों से खाना टाइप 2 डायबिटीज से भी आपको दूर रखता है.
हाथ से खाना खाना हाथ, मुंह, पेट, आंतों और दिमाग के बीच एक संबंध बनाता है.
शोधकर्ताओं के अनुसार हाथ से खाने से पेट ज्यादा अच्छे से भरता है, तृप्ति मिलती है.
यह वजन कम करने में भी मददगार साबित होता है.
हाथ से खाना खाने से मुंह नहीं जलता है क्योंकि हाथ से छुने पर खाना कितना गरम है उसका अंदाजा लगा सकते हैं.