26 Feb 2024
अधिकतर लोगों को खुद से बात करने की आदत होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपने आप से बातें करने वाला व्यक्ति मानसिक रूप से मजबूत होता है.
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कई रिसर्च में ये पाया गया है कि खुद से बात करने वाले लोग मेंटली स्ट्रॉन्ग होते हैं. वहीं, सेल्फ टॉक करने से पॉजिटिविटी बढ़ती है.
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अगर आप निराश हैं तो सेल्फ टॉक करने की आदत डालिए. ऐसा करने से आपकी परफॉर्मेंस और मेंटल हेल्थ में काफी सुधार होगा.
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सेल्फ टॉक करने से कॉन्फिडेंस भी बढ़ता है और स्ट्रेस लेवल कम होता है.
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खुद से बात करने से व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता में सुधार होता है और विपरीत परिस्थितियों में भी सकारात्मक बने रहने में मदद मिलती है.
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कुछ लोग मानते हैं कि खुद से बातें करना पागलपन की निशानी है, लेकिन ऐसा नहीं होता. अगर आपको सेल्फ टॉक करने से बेहतर महसूस होता है तो ये एक अच्छी आदत है.
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लेकिन अगर आप किसी के साथ होने पर भी सेल्फ टॉक करते हैं तो फिर आपको किसी मानसिक रोग विशेषज्ञ की मदद लेने की जरूरत है.
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