10 April 2024
Credit: Freepik
तनाव, एंग्जाइटी और फिर डिप्रेशन... मेंटल हेल्थ के लिए इन लफ्जों को समझना बेहद जरूरी है.
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तनाव रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा है लेकिन यही तनाव हद से बढ़ जाए तो कब डिप्रेशन में बदल जाता है, इसका एहसास नहीं होता.
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इसके लिए जरूरी है कि हम तनाव, एंग्जाइटी और डिप्रेशन को पहचानें और ये जान सकें कि कब साइकेट्रिस्ट के पास जाने का समय आ गया है.
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किसी वजह से घबराना ठीक है लेकिन अगर आप बेवजह आसानी से छोटी-छोटी बातों में डर जाते हैं या घबराहट हो रही है तो ये मेंटल हेल्थ से जुड़ा है.
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अगर आपक नींद के पैटर्न में बदलाव हो रहा है यानी बहुत ज्यादा या बहुत कम सो रहे हैं तो एक्सपर्ट के पास जरूर जाएं.
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मूड बदलना काफी हद तक नॉर्मल है लेकिन लगातार मूड खराब रहना, उदासी या चिड़चिड़ापन होना मानसिक समस्या से जुड़े लक्षण हो सकते हैं.
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अगर आप अपनी भावनाओं को कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं और इससे आपके व्यवहार में बदलाव आ रहा है तो ये डिप्रेशन है और एक्सपर्ट की सलाह जरूरी है.
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डिप्रेशन में ये महसूस होने लगता है कि हम अब किसी काम के नहीं हैं और किसी को हमारी जरूरत नहीं है. ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द साइकेट्रिस्ट के पास जाना चाहिए.
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