31 May 2024
Credit: Freepik
स्लीप टॅाकिंग यानी नींद में बोलना. ये एक अजीब, दिलचस्प और पेचीदा चीज है. आज हम स्लीप टॅाकिंग की दुनिया में घुसते हैं और इसके बारे में जानते हैं.
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स्लीप टॅाकिंग को Somniloquy भी कहते हैं. ये नींद से जुड़ा एक डिसऑर्डर है. इसमें थोड़ा बड़बड़ाने से लेकर बहुत ज्यादा बातचीत करने तक हो सकता है.
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यह पैरासोमनिया का एक रूप है, जो नींद संबंधी डिसऑर्डर की एक श्रेणी है, जिसमें नींद के दौरान असामान्य व्यवहार या अनुभव होते हैं. ये कम सोने की वजह से होता है. आइये जानते हैं, स्लीप टॉकिंग के लक्षण.
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नींद में बात करने वाले लोग अक्सर सोते समय असंगत बड़बड़ाने से लेकर स्पष्ट आवाजें निकालते हैं.
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इसमें नींद में की गईं बातें निरर्थक भी हो सकती है. ऐसा भी हो सकता है कि उन बातों का इंसान की जिंदगी से कोई ताल्लुक न हो.
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नींद में बात करने वाले कुछ शब्दों या वाक्यांशों को कभी-कभी लयबद्ध तरीके से बार बार बोल सकता है.
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नींद में बात करना सपनों के दौरान अनुभव की गई भावनाओं की ओर इशारा हो सकता है. जैसे-मजाक भरा कोई ख्वाब देखने पर असल में हंसने लगना.
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नींद में बात करने की कई वजह हो सकती हैं. हो सकता शख्स एंग्साइटी या स्ट्रैस में हो या नींद की कमी हो या कुछ नींद से जुड़े डिसऑडर में भी ऐसा हो सकता है.
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नींद में बोलने की आदत से बचने के लिए नींद का एक तय रुटीन बनाएं. एंग्साइटी या स्ट्रैस से बचें. सोने योग्य माहौल बनाकर ही सोएं.
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सोने से पहले कैफीन, निकोटीन और अल्कोहल का सेवन करने से बचें. सोने से पहले ऐसी चीजें करें जो अच्छी नींद लाने में मदद करें. जैसे-किताब पढ़ना या हल्का वर्कआउट.
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