किसके लिए अमृत तो किसके लिए जहर है घी? यहां जानें

16 October 2024

भारत में सदियों से देसी घी का सेवन किया जाता रहा है. घी की अगर बात की जाए तो बड़ों समेत बुजुर्गों को भी घी खाना काफी ज्यादा पसंद होता है.

घी

घी में हेल्दी फैट पाया जाता है जो हमारी सेहत के लिए अच्छा होता है. यह शरीर को ताकत देने के साथ ही कई लाभ पहुंचाता है और बीमारियों से बचाता है. घी का सेवन आपके पाचन को दुरुस्त रखता है.  

घी के फायदे-नुकसान

घी वैसे तो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है लेकिन कुछ लोगों को घी का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. घी कुछ लोगों के लिए जहर समान होता है.

घी का सेवन करने से पेट को स्वस्थ रहता है क्योंकि इसमें जरूरी पोषक तत्वों और प्रोबायोटिक्स होते हैं जो पेट में हेल्दी बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं. घी विटामिन ए और ई का सोर्स होता है जो हेल्दी लिवर, संतुलित हार्मोन और प्रजनन क्षमता के लिए जरूरी है.  

घी में हेल्दी फैट होता है जो शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है. घी दूसरे तरह के फैट की तरह दिल की बीमारी का कारण नहीं बनता है. घी में ब्यूटिरिक एसिड होता है, जो कैंसर रोधी घटक है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट इसे एंटी-इंफ्लेमेटरी बनाते हैं.

घी में विटामिन ई होता है जो स्किन और बालों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. एक्सपर्ट्स भी रोज सुबह खाली पेट एक चम्मच घी का सेवन करने के लिए कहते हैं.

 घी में सैचुरेटेड फैट की मात्रा काफी ज्यादा होती है जिस कारण इसे ज्यादा मात्रा में खाने से हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है.  

इसके अलावा अगर आपके शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल काफी ज्यादा बढ़ा हुआ है तो घी का सेवन ना करें.

घी पचाने में भारी होता है. सबकी पाचन शक्ति अलग अलग होती है. ऐसे में इसका सेवन शरीर की पाचन शक्ति के अनुसार करना चाहिए. अगर आपको क्रॉनिक इनडाइजेशन है तो आपको घी  बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए.

इसके अलावा अगर आपको पेट, लिवर या किडनी से संबंधित समस्याएं हैं तो भी आपको घी का सेवन सीमित मात्रा में या ना के बराबर करना चाहिए.