यूरिक एसिड शरीर में एक अपशिष्ट उत्पाद है. ज्वाइंट और टिश्यूज में जमा होने पर इससे शरीर में कई सारी समस्याएं होने लगती हैं.
खराब डाइट, जेनेटिक्स, मोटापा, स्ट्रेस, किडनी की बीमारी, हाइपोथायरायडिज्म या फिर सोरायसिस की वजह से भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है.
यूरिक एसिड बढ़ने पर एड़ियों, उंगलियों और घुटनों में तेज दर्द महसूस होता है. इससे उठने-बैठने में परेशानी होती है.
कीमोथेरेपी लेने वालों में ज्यादा यूरिक एसिड स्तर की वजह से किडनी और गठिया की भी समस्या हो जाती है.
यूरिक एसिड के क्रिस्टल जोड़ों में भी जमा हो जाते हैं. इससे सूजन महसूस होती है जिसे गाउट कहा जाता है.
शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने पर पेशाब से जुड़ी समस्याएं भी होने लगती हैं.
खानपान बदलने पर भी यूरिक एसिड बढ़ने लगता है. इससे किडनी में पथरी भी हो सकती है.
यूरिक एसिड बढ़ने पर हाथ-पैर की उंगलियों में चुभन वाला दर्द होता है.
कई बार यूरिक एसिड के कोई खास लक्षण नहीं दिखाई देते हैं और बस बहुत थकान महसूस होती है.
यूरिक एसिड कम करने के लिए मीठी चीजें कम खाएं, शराब से बचें, वजन कम करें, पानी अधिक पिएं और फाइबर वाले फूड खाएं.