शरीर के अंदर होने बदलावों को कुछ संकेतों से जाना जा सकता है.
यूरिन के कलर से भी पता लगाया जा सकता है कि शरीर के अंदर क्या चल रहा है.
यूरिन ट्रांसपेरेंट कलर का नजर आता है तो इसका मतलब है कि आप अत्यधिक मात्रा में पानी का सेवन करते हैं.
हाइड्रेटेड रहना अच्छा है, लेकिन बहुत अधिक मात्रा में पानी पीने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो सकती है.
यूरोक्रोम पिगमेंट के कारण यूरिन का कलर हल्के पीले से डार्क पीला नजर आता है.
विटामिन D की मात्रा अधिक होने के कारण भी यूरिन नियॉन कलर का नजर आता है.
यूरिन का लाल और गुलाबी कलर इस बात पर निर्भर करता है कि आपने क्या खाया है.
यूरिन का ऐसा कलर कई तरह की बीमारियों के कारण भी हो सकता है जैसे बढ़ा हुआ प्रोस्टेट, किडनी स्टोन, ब्लैडर या किडनी में ट्यूमर.
नारंगी कलर का यूरिन शरीर में डिहाईड्रेशन का संकेत देता है. पीलिया होने पर भी यूरिन नारंगी कलर का नजर आता है.
कुछ कैंडी और दवाईयों में मेथिलीन ब्लू नाम के एक डाई का इस्तेमाल किया जाता है जिसे खाने से यूरिन का रंग ब्लू नजर आता है.
इस कलर का यूरिन किडनी और ब्लैडर से जुड़ी बीमारियों की तरफ भी इशारा करता है.
स्यूडोमोनास एरुगिनोसा बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण भी यूरिन का कलर नीला, हरा या बैंगनी नजर आ सकता है.
यूरिन का डार्क ब्राउन कलर डिहाईड्रेशन की ओर इशारा करता है.
डार्क ब्राउन कलर का यूरिन लीवर संबंधित बीमारियों का भी संकेत हो सकता है.