अपनी सेहत को लेकर चिंता करना आम है, लेकिन जब ये चिंता इस हद तक बढ़ जाए कि छोटी-मोटी बीमारी भी आपको बड़ी बीमारी लगने लगे तो आपको अलर्ट होने की जरूरत है.
कई लोगों के साथ होता है कि उन्हें हमेशा ये चिंता सताती रहती है कि उन्हें कोई बड़ी बीमारी हो गई है. इस स्थिति को हाइपोकॉन्ड्रिया कहा जाता है.
कई लोगों को ऐसी बीमारी हो जाती है जिसमें वो बीमारियों के बारे में लगातार सोचते रहते हैं.
शरीर में जरा से बदलाव या हल्की सी दिक्कत भी उन्हें किसी बड़ी बीमारी का खतरा लगने लगती है. इस वजह से लोगों के मन में डर बैठने लगता है और वो लगातार परेशान होने लगते हैं.
हाइपोकॉन्ड्रिया का आपकी मेंटल हेल्थ पर बुरा प्रभाव पड़ता है. इसके कारण व्यक्ति में चिंता और अवसाद के लक्षण बढ़ जाते हैं.
हाइपोकॉन्ड्रिया को इलनेस एंग्जाइटी भी कहा जाता है. व्यक्ति हर वक्त बीमारी के बारे में इस कदर सोचता रहता है कि उसके व्यवहार में गुस्सा, मन उदास होना, घबराहट, बेचैनी और चिड़चिड़ापन नजर आने लगता है.
हाइपोकॉन्ड्रिया के मामले में ऐसा अक्सर होता है कि मरीज को पता ही नहीं चल पाता कि वो इस समस्या से जूझ रहा है. इससे उसकी मेंटल हेल्थ तो प्रभावित होती ही है साथ में उसकी निजी जिंदगी पर भी बुरा असर पड़ता है.
अगर आपको लगता है कि कोई हाइपोकॉन्ड्रिया से गुजर रहा है तो तुरंत उसे एक्सपर्ट की मदद लेने की सलाह दें.