08 October 2024
दूरवा या दूर्वा घास को काफी पवित्र माना जाता है. कई धार्मिक कार्यों में भी दूर्वा घास का इस्तेमाल किया जाता है. इसे एक औषधीय पौधा भी कहा जाता है.
आयुर्वेद में दूर्वा घास के कई फायदों के बारे में बताया गया है. सुबह के समय नंगे पैर इस घास में चलने से आंखों की रोशनी तेज होती है.
जिन्हें तनाव रहता है, उनके लिए दूब घास का प्रयोग बहुत ही लाभकारी होता है. इसके लिए दूब घास को पीसकर पैरों में लेप लगाएं. इससे मस्तिष्क को ठंडक मिलेगी और तनाव भी कम हो जाएगा.
सिरदर्द के लिए दूब का प्रयोग बहुत ही लाभकारी होता है. जिनको सिर दर्द की शिकायत है वे दूब घास को पीसकर उसमें थोड़ा चूना मिलाकर अपने सिर में लेप लगाएं. इससे सिरदर्द में आराम मिलेगा.
सफेद दूब उत्तेजना को कम करने वाला माना जाता है. जो वासना से दूर होना चाहते हैं उनके लिए भी दूब बहुत ही लाभकारी है. इसके लिए सफेद दूब को पीसकर 3 से 4 चम्मच रस को सुबह नियमित रूप से पिएं. इससे वासना की भावना कम होगी और वे सुख पूर्वक जीवन बिताएंगे.
जिन्हें आंखों की परेशानी है या आंखों में दर्द रहता है, वे दूब घास को पीसकर लुग्दी बनाकर आंख पर बांधें. इससे आंखों की परेशानी दूर होंगी और दर्द में भी आराम मिलेगा. ध्यान रहे कि गंदे स्थानों की दूब का प्रयोग ना करें.
जिन्हें नकसीर की शिकायत है वो दूब घास के रस को निकालें और 4-4 बूंद रस को नाक में डालें. खून बहने के दौरान भी अगर इस रस को डालते हैं तो तुरंत खून बहना बंद हो जाएगा.
जिनके मुंह में छाले हैं वे दूब घास का रस निकालकर थोड़ा फिटकरी मिलाकर गरारे करें. इससे मुंह के छाले खत्म हो जाएंगे. इसके लिए पूजा वाली दूब का प्रयोग करें.
यह एक सामान्य जानकारी है. किसी भी चीज को डाइट में शामिल करने से पहले एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करें.