टीटू नहीं बन पाया अच्छा इंसान, वजह जानकर जोरदार ठहाके लगाएंगे आप
टीटू- बचपन से ही शौक था अच्छा इंसान बनने का!
शौंटी- फिर क्या हुआ, बन गए?
टीटू- अरे कहां, बचपन खत्म तो शौक खत्म!
रामू लाइब्रेरी जाकर पूछता है कि आत्महत्या करने के तरीकों की किताब है क्या? लाइब्रेरियन ने उसे घूर कर देखा और पूछा - वापस करने कौन आएगा भाई.
लड़की-मैं तेरे लिए आग पर चल सकती हूं,नदी में कूद सकती हूं. क्या तुम मुझसे प्यार करते हो?
लड़का-करता हूं.
लड़की-क्या मुझे अभी मिलने आ सकती हो,
लड़का-पागल हो इतनी धूप में!
रमेश-तुम्हें मुझमें सबसे अच्छी बात क्या लगती है?
पिंकी-तुम आज भी नहीं बदले.
रमेश वह कैसे?
लड़की- जब मैं तुमसे मिली थी तब भी बेरोजगार थे और आज भी बेरोजगार हो.
दादा- कमर में बहुत दर्द है. जरा शर्मा जी के घर से आयोडेक्स ले आओ. दादी- वो नहीं देंगे, बहुत कंजूस हैं. दादी- हां हैं तो खानदानी कंजूस. पता नहीं इतने पैसे लेकर कहां जाएंगे? ऐसा करो अलमारी से तुम अपना ही आयोडेक्स निकाल लो, दर्द कुछ ज्यादा ही है.
पिंकी मेकअप करके घर आई, पिंकी पति से- मैं कैसी दिख रही हूं? पति- क्या बात है आज तो बहुत सुन्दर लग रही हो? पिंकी- ज्यादा मक्खन लगाने की जरूरत नहीं है जाकर ब्यूटी पार्लर वाले का बिल भर आओ.
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