पापा की बताई हुई पटाखे की दुकान देख क्यों भड़क उठीं मम्मी, जानकर हो जाएंगे लोटपोट
बेटा- मां जब दिवाली आएगी तो पटाखे इस दुकान से लूंगा.मां- चांटा मारते हुए कहा पटाखों की दुकान नहीं, यहलड़कियों का हॉस्टल है.लड़का- मुझे क्या पता,एक दिन पापा कह रहे थे कि यहां एक से एकधांसू पटाखे हैं.घर जाकर पापा पर भड़कीं मम्मी.
पत्नी- सुनो, मेरा भी फेसबुक पर अकाउंट बना दो. पति- तुम्हें फेसबुक चलानी आती है ? पत्नी- आप चलना मैं पीछे बैठ जाउंगी.
रमेश- बचपन में मां की बात सुनी होती तो आज ये दिन न देखने पड़ते. सुरेश- क्या कहती थीं तेरी मां? रमेश - जब बात ही नहीं सुनी तो मुझे क्या पता, क्या कहती थीं.
देहाती लड़की को पेड़ पर बैठा देख एक आंटी बोली... वहां क्यों बैठी है? लड़की-सेब खाने महिला-पर यह तो आम का पेड़ है! लड़की-ओ, आंटी, चौधराईन मत बनो सेब लेकर आई हूं.
बबलू- अरे यार, मैं जो भी काम शुरू करता हूं मेरी पत्नी हर बार बीच में आ जाती है. चकलू- तू ट्रक चला कर देख, शायद किस्मत साथ दे दे.
लड़की- भैया जी, कोई स्टाइलिश साड़ी दिखाओ
दुकानदार- ये लो मैडम बनारसी साड़ी है.
लड़की- वाओ कितने की है ?
दुकानदार- 2 हजार की
लड़की - भैया सही-सही पैसे लगाओ
मैं तो हर बार आपकी ही दुकान से ले जाती हूं.
दुकानदार- कुछ तो रहम करो मैडम
ये दुकान कल ही नई खुली है.
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