3 सफेद 'जहर'...नमक, चीनी और मैदा, जानें इन्हें खाने पेट का क्या हाल होता है?

18 Dec 2023

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टेस्टी, स्पाइसी और मीठे स्नैक्स या फास्ट फूड अधिकतर लोगों को खाना पसंद होते हैं. यंगस्टर्स में आजकल जंक और फास्ट फूड का काफी क्रेज है. लंच-डिनर में भी कई बार ऐसे खाने को खा लेते हैं.

जंक और फास्ट फूड

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फास्ट और जंक फूड तीनों में जो चीज कॉमन होती है वो है नमक, चीनी और मैदा. इन्हें शरीर के लिए जहर माना जाता है. आयुर्वेद में उन्हें सफेद जहर माना जाता है.

सफेद जहर

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ये तीनों व्हाइट चीजों पेट पर कैसा असर डालती हैं, यह जानना बहुत जरूरी है ताकि आप इनका सेवन बंद या काफी कम कर दें.

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रिसर्च बताती हैं कि अधिक नमक का सेवन करना आंत के अच्छे बैक्टीरिया के लिए घातक साबित हो सकता है और यह हाई ब्लडप्रेशर और इम्यूनिटी को प्रभावित करने वाली बीमारियों का जोखिम बढ़ा सकता है. 

नमक (Salt)

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वैज्ञानिक पहले से ही जानते हैं कि TH17 कोशिकाएं आंत के माइक्रोबायोम से प्रभावित होती हैं, लेकिन यह नया निष्कर्ष है कि नमक माइक्रोबायोम में स्वस्थ बैक्टीरिया को मार देता है. इसलिए नमक कम से कम खाएं.

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रिसर्चर्स ने पाया है कि चूहों में पाया जाने वाला लैक्टोबैसिलस (अच्छा बैक्टीरिया) तब नष्ट हो जाता है, जब उन्हें अधिक नमक की खुराक दी जाती है. साथ ही उनमें इम्यूनिटी कमजोर करने वाली कोशिकाओं की एक्टिविटी बढ़ गई थी. 

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रिसर्चर्स ने पाया है कि चूहों में पाया जाने वाला लैक्टोबैसिलस (अच्छा बैक्टीरिया) तब नष्ट हो जाता है, जब उन्हें अधिक नमक की खुराक दी जाती है. साथ ही उनमें इम्यूनिटी कमजोर करने वाली कोशिकाओं की एक्टिविटी बढ़ गई थी. 

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चीनी (Sugar)

चूहों पर की गई रिसर्च में जब चूहों को हाई फैट और हाई शुगर वाली डाइट दी गई थी तो 4 हफ्ते बाद कई चूहों का वजन और लिमिट से अधिक ग्लूकोज लेवल बढ़ गया था.

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दही, कॉफी, चाय पर आधारित ड्रिंक्स, नाश्ता, होल ग्रेन यहां तक कि आधारित पेय, नाश्ता, अनाज यहां तक ​​कि सॉस, और स्पोर्ट्स ड्रिंक में भी अधिक चीनी होती है जो पेट के अच्छे बैक्टीरिया को मार सकती है.

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मैदा को रिफाइंड आटा भी कहा जातका है. इसे गेहूं का छिलका निकालकर पीसकर बनाते हैं. इसका उपयोग ब्रेड, भटूरा, समोसा, पिज्जा बेस और कई अन्य स्नैक आइटम बनाने में किया जाता है. 

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मैदा (Refined Flour)

मैदा को 'आंत का गोंद' भी कहा जाता है जिसमें फाइबर की मात्रा नहीं होती है और यह कंजेशन का कारण बनता है. यह आंत में जाकर चिपक सकता है. इससे डाइजेशन धीमा हो जाएगा और मोटापा, तनाव और कब्ज जैसी समस्याएं बढ़ जाएंगी.

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रिफाइंड आटा आंत में माइक्रोबायोटा या आंत में बैक्टीरिया के कारण होने वाली सूजन को भी बढ़ावा दे सकता है. यह एक ऐसी स्थिति जो मेटाबॉलिज्म संबंधी समस्या है जिससे वेट गेन हो सकता है.

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