रोजाना 30 मिनट वॉक करने से शरीर में आएंगे ये बदलाव, मिलेंगे कई फायदे

31 August 2024

चाहे सुबह की वॉक हो या शाम की, हर तरह की वॉक मायने रखती है. वॉक करने के लिए कोई इक्यूपमेंट की भी जरूरत नहीं होती क्योंकि आप बाहर भी वॉक कर सकते हैं.

पैदल चलने से न केवल कैलोरी बर्न होती है, बल्कि आपका मूड भी अच्छा होता है. पैदल चलना वजन घटाने का भी मजेदार और आसान तरीका माना जाता है. 

जब वॉक करते हुए वेट लॉस की बात आती है तो अक्सर कई लोगों के मन में सवाल आता होगा कि कितनी वॉक करें?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोई अगर कम से कम 30 मिनट वॉक करेगा तो उसे काफी फायदे मिलेंगे जिन्हें आगे की स्लाइड्स में देख सकते हैं.

रोजाना 30 मिनट वॉक करना हार्ट को मजबूत करने का अच्छा तरीका है. अमेरिकन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसन में पब्लिश हुई स्टडी के मुताबिक 30 मिनट वॉक करने से हार्ट हेल्थ का खतरा 19 प्रतिशत कम होता है.

हार्ट हेल्थ मजबूत

अगर कोई रोजाना 30 मिनट की वॉक करता है तो उसे वेट कंट्रोल करने में मदद मिलती है.

वेट कंट्रोल करे

पैदल चलने से कैलोरी बर्न होती है, जो वजन घटाने के लिए कैलोरी डेफिसिट क्रिएट करती  है और वेट लॉस होता है. एक व्यक्ति आधे घंटे की सैर में लगभग 150 कैलोरी बर्न करता है.

पैदल चलना न केवल हमारे शरीर के लिए बल्कि हमारे दिमाग के लिए भी फायदेमंद है. JAMA Psychiatry की स्टडी के मुताबिक, नियमित रूप से वॉक करने से डिप्रेशन और एंग्जाइटी कम होती है.

मूड सुधारे

इसका कारण है कि पैदल चलने से एंडोर्फिन रिलीज होता है जो मूड को सुधारता है और स्ट्रेस, डिप्रेशन को कम करता है.

नियमित रूप से पैदल चलने से मसल्स और हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है. यह पैरों, कूल्हों और पीठ के निचले हिस्से के लिए फायदेमंद है.

हड्डी मजबूत करे

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आर्थराइटिस एंड मस्कुलोस्केलेटल एंड स्किन डिजीज के अनुसार, पैदल चलने और वेट लिफ्टिंग जैसी एक्टिविटी हड्डियों के घनत्व को बेहतर बनाने में मदद करती हैं.

भोजन के बाद 30 मिनट की वॉक करने से डाइजेशन में मदद मिलती है. पैदल चलने से हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम को सही रखने में मदद मिलती है. 

डाइजेशन सुधारे

लंदन यूनिवर्सिटी की रिसर्च से पता चलता है कि रोजाना पैदल चलने से पेट फूलने और कब्ज सहित कई समस्याओं से छुटकारा मिलता है.

पीएलओएस मेडिसिन में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक, रोजाना 30 मिनट पैदल चलने से समय से पहले मृत्यु का जोखिम 20 प्रतिशत तक कम हो सकता है.

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